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सपा विधायक सोलंकी की न्यायिक हिरासत दो फरवरी तक बढ़ी

जनवरी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अदालत ने बुधवार को जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी की न्यायिक हिरासत दो फरवरी तक बढ़ा दी।
सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) रंजीत कुमार ने बताया कि पीठासीन अधिकारी सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने सपा विधायक और अन्य के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम का मामला सुनवाई के लिए दो फरवरी को सूचीबद्ध किया है।

आलोक यादव की अध्यक्षता वाली अपर सिविल जज (एमपी-एमएलए) अदालत ने भूमि विवाद में दंगा और आगजनी के मामले में जेल में बंद विधायक सोलंकी की न्यायिक रिमांड भी 17 जनवरी तक बढ़ा दी है और मामले को 17 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
जेल में बंद विधायक सोलंकी को पुलिस वाहन में ले जाने के दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और विश्वास जताया कि उन्हें जल्द ही अदालत से न्याय मिलेगा।

विधायक ने कहा कि कलम और कागज आपका है (सरकार, पुलिस और प्रशासन की ओर इशारा करते हुए) लेकिन न्यायपालिका सबके लिए है।
कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक सोलंकी दो दिसंबर से जेल में हैं, जब उन्होंने अपने छोटे भाई रिजवान के साथ एक भूमि विवाद मामले में दंगा और आगजनी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस आयुक्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
सपा विधायक को महराजगंज जिला कारागार से कानपुर लाया गया।

विधायक को कड़ी सुरक्षा के बीच 20 दिसंबर को वहां स्थानांतरित कर दिया गया था।
विधायक सोलंकी को घने कोहरे के कारण रात में कन्नौज जिला कारागार में रखा गया था।
नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि जेल में बंद विधायक पर जल्द ही जमीन कब्जाने, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी से जुड़े कई अन्य मामलों में मामला दर्ज किया जा सकता है।
गौरतलब है कि दो माह के भीतर सोलंकी के खिलाफ कुल आठ मामले दर्ज हुए हैं और अब सपा विधायक नेता के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या 18 पहुंच गयी है।

जेल में बंद विधायक से मिलने पहुंचे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि सोलंकी निर्दोष हैं और उन्हें आपराधिक मामलों में गलत तरीके से फंसाया गया है।
अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद, सोलंकी के खिलाफ एक बांग्लादेशी नागरिक और उसके परिवार के सदस्यों को कथित रूप से भारतीय नागरिक के रूप में अधिकृत करने के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज की गई और अगले दिन उन्हें महाराजगंज जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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