भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) और अन्य खाप नेताओं द्वारा प्रस्तावित विरोध को स्थगित कर दिया गया है। विरोध प्रदर्शन 9 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाला था। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि विरोध करने वाले पहलवानों ने 3 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इसे बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब पहलवानों और सरकार के बीच बातचीत के नतीजे के आधार पर विरोध होगा। चूंकि पहलवानों का समर्थन करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जाना था, इसलिए अगली तारीख (विरोध प्रदर्शन के लिए) की घोषणा की जाएगी, जो कि विरोध करने वाले पहलवानों की अगली कार्रवाई के आधार पर होगी।
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इससे पहले, राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को 9 जून तक बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया था, जो महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर विवादों में हैं। उन्होंने कहा था कि अगर पहलवानों की मांग नहीं मानी गई तो हम नौ जून को उनके साथ जंतर-मंतर जाएंगे और देश भर में पंचायत करेंगे। 1 जून को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक खाप महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले पहलवानों के लिए न्याय मांगने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेगा।
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बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर के अनुसार, डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर यौन संबंध बनाने की मांग करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, उसके खिलाफ छेड़छाड़ की कम से कम 10 शिकायतें भी दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस ने नए संसद भवन तक उनके मार्च के दौरान बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए कुछ पहलवानों को हिरासत में लिया और जंतर-मंतर पर विरोध स्थल को भी साफ कर दिया। जिसके बाद 30 मई को हरिद्वार के लिए रवाना होने वाले पहलवानों ने अपने पदक गंगा नदी में विसर्जित करने का फैसला किया था। लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया था।