शाहजहांपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) की महापौर पद की उम्मीदवार अर्चना वर्मा रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गयीं। इसके बाद भाजपा ने उन्हें शाहजहांपुर से ही महापौर पद के लिए टिकट दे दिया।
अर्चना ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और जेपीएस राठौर की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा। इसके चंद घंटे बाद ही पार्टी ने उन्हें शाहजहांपुर से महापौर पद का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के हस्ताक्षर से जारी सूची में अर्चना का नाम शामिल है।
पाठक ने अर्चना का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा, समाजवादी पार्टी ने अर्चना वर्मा को शाहजहांपुर से अपना मेयर प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन वह पार्टी की नीतियों से दुखी थीं। खास तौर पर सपा शासन के दौरान महिलाओं पर हुए अत्याचारों से उन्हें पीड़ा हुई। उन्होंने फैसला किया कि वह भाजपा में शामिल होंगी।
पाठक ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व ने फैसला किया है कि वे अर्चना वर्मा को पार्टी की सदस्यता देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अर्चना के ससुर राम मूर्ति वर्मा चार बार विधायक (तीन बार शाहजहांपुर के जलालाबाद क्षेत्र से और एक बार ददरौल से) रहे।वह शाहजहाँपुर (1996) के एक बार सांसद भी रहे।
शाहजहांपुर में दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होगा। मतगणना 13 मई को होगी।
राज्य के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और जेपीएस राठौर भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे।
इस बीच, उत्तर प्रदेश भाजपा के मीडिया सह-प्रभारी अभय सिंह ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता 24 अप्रैल को राज्य के विभिन्न शहरों से पार्टी की विकास रथयात्रा को हरी झंडी दिखाकर शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहारनपुर में विकास रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे, जबकि प्रदेश प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी मेरठ में यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
सिंह ने कहा कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक क्रमशः झांसी और गाजियाबाद में यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतदान चार मई और 11 मई को होगा। मतगणना 13 मई को होगी।
नगरीय निकाय चुनाव में महापौर की 17 सीटों, पार्षद की 1420, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की 199, नगर पालिका परिषद सदस्य की 5327, नगर पंचायत अध्यक्ष की 544 और नगर पंचायत सदस्य की 7178 सीटों के लिए मतदान होगा।
स्थानीय निकाय चुनाव वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रहे सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी सहित राजनीतिक दलों के लिए अपनी तैयारियों को परखने का मौका होगा।
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं।