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चेन्नई । तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने संविधान को लेकर प्रमुख सहयोगी कांग्रेस पर हमला करने के लिये भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर उन पर जम कर निशाना साधा। संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री एवं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा था और कहा था कि उन्होंने संविधान और आंबेडकर के प्रति ‘पाप’ किया है। स्टालिन ने ‘एक्स’ पर लिखे एक पोस्ट में कहा, ‘‘वे लोग जो सबसे ज्यादा पाप करते हैं, उन्हें ‘पुण्य’ के बारे में चिंता करनी चाहिए। जो लोग वास्तव में देश, नागरिक और संविधान की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं वे केवल बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर का ही नाम लेंगे।’’
द्रविड़ पार्टी के प्रमुख ने अपने इस बयान का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब प्रधानमंत्री ने आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के ‘पापों’ को गिनाया और संसद में संविधान पर बहस के दौरान भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर हमला किया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस द्वारा आंबेडकर को चुनाव में एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार हराने सहित विपक्षी पार्टी के उनके प्रति किए गए ‘पापों’ का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर 18 नवंबर को एक पोस्ट में कहा, ‘‘डॉ. आंबेडकर को एक बार नहीं, बल्कि दो बार चुनावों में पराजित करना, पंडित नेहरू का उनके खिलाफ प्रचार करना और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना, उन्हें भारत रत्न देने से मना करना और संसद के केंद्रीय कक्ष में उनकी तस्वीर को जगह देने से इनकार कर देना कांग्रेस के ‘पापों की सूची’ में शामिल हैं।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा इस बात से खुश है कि कांग्रेस आंबेडकर का नाम ले रही है, लेकिन पार्टी को उनके प्रति अपनी वास्तविक भावनाओं के बारे में भी बोलना चाहिए। शाह ने जिक्र किया था कि किस तरह आंबेडकर को अनुच्छेद 370 सहित तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार की नीतियों पर असहमति जताने से मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद ही आंबेडकर के अधिकतर स्मारक बनवाए गए हैं। शाह ने कांग्रेस के शीर्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा, ‘‘आपके लिए वोट बैंक की राजनीति के वास्ते उस व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल करना कितना उचित है, जिसका आप विरोध किया करते थे?’’ केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आंबेडकर को उनका हक न देने के लिए कांग्रेस पर 14 दिसंबर को निशाना साधा और विपक्ष के इस दावे पर सवाल उठाया कि अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।