उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा, सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले बदमाश रितेश पाण्डेय के खिलाफ आरोपों की विवेचना विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं।
कुमार ने आदेश में कहा है कि एसटीएफ की कुमाऊँ इकाई मामले की विवेचना करेगी।
इसके अलावा, पाण्डेय द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति को जब्त करने के भी उन्होंने आदेश दिए।
इस बीच, पुलिस उपमहानिरीक्षक, कुमायूँ परिक्षेत्र, नीलेश आनंद भरणे ने हल्द्वानी में बताया कि पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके पाण्डेय के सभी बैंक खाते फ्रीज (लेन-देन पर रोक) कर दिए गए हैं और उसके द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को गैंगस्टर अधिनियम के तहत जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हल्द्वानी के रहने वाले पाण्डेय के विरूद्ध उत्तराखंड के चार जिलों—ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, अल्मोड़ा तथा बागेश्वर में कुल 16 आरोप दर्ज हैं जिनमें आरोपी द्वारा सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर कई लोगों से लगभग 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गयी है।
आरोपी गिरफ्तारी से पहले पांच महीने तक फरार रहा। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए ढाई हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया था।