प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बार-बार बुलाए जाने की पृष्ठभूमि में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बुधवार को रांची में अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। झामुमो नेता विनोद पांडे ने कहा, बैठक 3 जनवरी को शाम 4.30 बजे रांची में बुलाई गई है। गांडेय सीट से झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे से ऐसी अटकलें शुरू हो गईं कि सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं और अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। खाली सीट से कल्पना को मैदान में उतारे जाने की अटकलें हैं।
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ईडी ने कथित भूमि घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए सोरेन को सात समन जारी किए हैं। सभी समन को नजरअंदाज करने के कारण उनके खिलाफ संभावित कार्रवाई की अटकलें लगाई जा रही हैं। सोरेन ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपनी आलोचना को दोगुना कर दिया और उस पर 2019 में सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया। सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार के अच्छे काम ने भाजपा को परेशान कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें चुप कराने के लिए एजेंसियां भेजीं।
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सोरेन ने कहा कि 2024 राजनीतिक उथल-पुथल का साल होगा और एक बड़े संघर्ष में भाजपा का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन ताकतों ने आदिवासियों को कभी आदिवासी नहीं माना, स्वीकार किया, उन्होंने उन्हें वनवासी नाम दिया है। सोरेन ने सवाल किया कि यह वनवासी क्या है और कहा कि कुछ ताकतों ने पिछले 20 वर्षों से आदिवासियों को धोखा दिया है।