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संजय गांधी अस्‍पताल की सेवाओं की बहाली के लिए सातवें दिन भी कर्मचारियों का धरना जारी

संजय गांधी अस्पताल की सभी सेवाओं पर रोक लगाए जाने के खिलाफ शुरू हुआ 400 से अधिक कर्मचारियों का धरना सोमवार को सातवें दिन भी जारी रहा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राम शाहपुर गांव की रहने वाली 22 वर्षीय दिव्या शुक्ला की मौत की जांच के बाद 17 सितंबर को अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था और इसके बाह्य रोगी विभाग व आपातकालीन सेवाओं पर रोक लगा दी थी।
महिला रोगी को 14 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पति ने दावा किया था कि दिव्या के इलाज में लापरवाही की गई जिसकी वजह से अंतत: उसकी मौत हो गई।
कांग्रेस नेता व पूर्व विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह भी सोमवार को कर्मचारियों के साथ धरने में शामिल हुए।

संजय गांधी चिकित्सालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि अस्पताल बंद होने से 400 से अधिक कर्मचारी रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आसपास से लेकर दूर दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीज परेशान हैं।
सिंह ने चेतावनी दी कि जब तक अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं होता, धरना जारी रहेगा।
सिंह ने बताया कि आज वह पूर्व एमएलसी दीपक सिंह के साथ भूख हड़ताल पर हैं।
संजय गांधी अस्पताल में काम कर रही नर्सों नेपूर्व एमएलसी दीपक सिंह की कलाई में राखी बांधकर अपनी आवाज उठाए जाने के लिए उनका आभार प्रकट किया। इस मौके पर दीपक सिंह ने कहा, “संजय गांधी अस्पताल की बहनों की सुरक्षा लिए आपका भाई प्रतिबद्ध है, अमेठी का हर भाई अपनी बहनों की रक्षा के लिए आगे आएगा।”

सिंह ने आरोप लगाया कि अमेठी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद स्मृति ईरानी ने अस्पताल बंद कराया है।
अस्पताल मामले को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है।
भाजपा ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने आंदोलकारी अस्पताल कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है।
सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह और जिलाध्यक्ष समेत कई नेता लाइसेंस बहाली को लेकर आंदोलन में सक्रिय हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के फैसले के विरोध में भाजपा सांसद वरुण गांधी और पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री संजय सिंह ने भी आवाज उठायी।

उन्होंने अस्पताल का लाइसेंस बहाल करने की मांग की है।
तीन अक्टूबर को इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ के सामने मामले की सुनवाई होनी है।
भाजपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष अमेठी राजेश अग्रहरि ने एक अक्टूबर की देर शाम अमेठी नगर में मृतक दिव्या शुक्ला की आत्मा की शांति व परिजनों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर मशाल जुलूस निकाला।
इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए अग्रहरि ने कहा कि भाजपा या स्थानीय सांसद, केन्‍द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यह नहीं चाहती कि संजय गांधी अस्पताल न चले, लेकिन किसी को भी किसी की जान से खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

राजेश अग्रहरि ने अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके हुक्मरान खुद अस्पताल नहीं चलाना चाहते हैं, मायावती सरकार में इन्हें मेडिकल कॉलेज चलाने की अनुमति मिली थी पर इन्होंने मेडिकल कॉलेज नहीं खोला उसके बादभी प्रदेश में जो सरकारें रहीं, वे भी कांग्रेस के सहयोग से चल रही थीं, लेकिन उनकी नीयत साफ नहीं थी।
राजेश ने आरोप लगाया कि इस अस्पताल में योग्य डॉक्टरों की जगह बीएएमएस डॉक्टरों को रखा गया है, जो मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। राजेश ने दिव्या शुक्ला की मौत के लिए संजय गांधी अस्पताल पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुएकहा कि जब तक दिव्या शुक्ला के दोषियों को सजा नहीं मिलेगी और परिवार को मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक लड़ाई जारी रहेगी।

16 सितंबर की देर शाम परिजनों ने दिव्या के शव को अस्पताल के मुख्य द्वार पर रखकर देर रात तक प्रदर्शन किया था।
पुलिस प्रशासन ने परिजनों की तहरीर पर संजय गांधी अस्पताल के सीईओ अवधेश शर्मा, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्दीकी, जनरल सर्जन मोहम्मद रजा और फिजिशियन डॉक्टर शुभम द्विवेदी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया, जिसके बाद अस्पताल को ‘सीज’ करते हुए पंजीकरण निलंबित कर दिया गया था।
संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं तथा पार्टी नेता राहुल गांधीइसके सदस्य हैं।

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