मध्यप्रदेश के इंदौर में शासकीय क्षेत्र के एक आवासीय विद्यालय की कथित अव्यवस्थाओं से नाराज करीब 150 विद्यार्थी मंगलवार को इस शिक्षण संस्थान से 20 किलोमीटर पैदल चलकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
चश्मदीदों ने बताया कि पैदल चले विद्यार्थियों में से दो बच्चों को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन के दौरान चक्कर आ गए, जिनमें से एक बच्चे को प्राथमिक उपचार के लिए पुलिस की गाड़ी में ले जाया गया।
उन्होंने बताया कि इंदौर से लगभग 20 किलोमीटर दूर मोरोद गांव स्थित शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय के 150 विद्यार्थी नारेबाजी करते हुए पैदल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
उन्होंने बताया कि इस आवासीय विद्यालय को प्रदेश सरकार ने उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र का दर्जा दे रखा है, जहां 60 प्रतिशत या इससे अधिक अंक अर्जित करने वाले प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है।
प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को एक विद्यार्थी आवासीय विद्यालय की तीसरी मंजिल से नीचे गिरकर बुरी तरह घायल हो गया था जिसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
विद्यार्थियों ने कहा कि घायल छात्र के इलाज में आर्थिक सहयोग से विद्यालय प्रबंधन के कथित इंकार के चलते खुद विद्यार्थियों ने 19,000 रुपये का चंदा किया ताकि अस्पताल का बिल भरा जा सके। विद्यार्थियों ने आवासीय विद्यालय में किताबों और नियमित शिक्षकों की कमी को लेकर भी नाराजगी जताई।
धरना-प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के अफसरों ने विद्यार्थियों को लगातार समझाने की कोशिश की, लेकिन वे जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. से मिलकर उन्हें अपनी समस्याएं बताने पर अड़े रहे।
आखिरकार, जिलाधिकारी ने अपने दफ्तर से बाहर निकलकर प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं को बताया,‘‘मैंने एक अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) को आदेश दिया है कि विद्यार्थियों की शिकायतों की विस्तृत जांच की जाए। जांच में गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।’’
जिलाधिकारी ने कहा कि वह शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय में नियमित शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए प्रदेश सरकार से बात करेंगे और इस शिक्षण संस्थान के पुस्तकालय और छात्रावास की व्यवस्थाएं भी सुधारी जाएंगी।