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प्राचीन ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाएं विद्यार्थी: बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे संस्कृत गौरव के संवाहक बन प्राचीन ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाएं।
बिरला यहां जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

न्होंने कहा, ‘‘संस्कृत केवल परंपरा की नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वैचारिक स्पष्टता की भी है। भारत आज योग, आयुर्वेद और दर्शन के माध्यम से विश्व में सम्मान प्राप्त कर रहा है और ऐसे समय में संस्कृत को नयी पीढ़ी से जोड़ना हमारी जिम्मेदारी है।’’


उन्होंने कहा कि जब विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में संस्कृत पर शोध हो रहे हैं, तब भारत में भी इसे नवाचार, तकनीक और डिजिटल युग से जोड़ना समय की मांग है। उन्होंने कि विश्वविद्यालय द्वारा योग को तकनीकी दृष्टिकोण से पढ़ाने, पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की।

आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और संस्कृत के गौरव को आगे बढ़ाने का कार्य करें।
कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे व शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद थे।

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