Breaking News

केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत, उत्पाद शुल्क नीति मामले में दिल्ली की कोर्ट ने चार्जशीट पर लिया संज्ञान

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप विधायक दुर्गेश पाठक और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र पर मंगलवार (3 सितंबर) को संज्ञान लिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि केजरीवाल और अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। न्यायाधीश ने केजरीवाल के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया और पाठक को 11 सितंबर को तलब किया।

इसे भी पढ़ें: Haryana Election: AAP और कांग्रेस के बीच बातचीत की तैयारी, 20 सीटों पर केजरीवाल की पार्टी की दावेदारी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केजरीवाल, पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर और सरथ रेड्डी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में आप नेता अमित अरोड़ा, आशीष माथुर, पी. शरद रेड्डी और विनोद चौहान को भी आरोपी के तौर पर सीबीआई ने समन किया है। सीबीआई ने पिछले महीने अदालत को सूचित किया था कि उसने मामले में केजरीवाल और पाठक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी हासिल कर ली है। संघीय एजेंसी ने पहले मामले में उनकी जांच के लिए मंजूरी हासिल कर ली थी।

इसे भी पढ़ें: Delhi Excise policy: केजरीवाल को कोर्ट ने जारी किया समन, 11 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

सीबीआई ने चार्जशीट में क्या कहा?
अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। मुख्य साजिशकर्ता: सीबीआई का दावा है कि केजरीवाल ने शराब नीति घोटाले में अहम भूमिका निभाई। केजरीवाल के करीबी विजय नायर ने केजरीवाल के निर्देश पर साउथ लॉबी के शराब व्यापारियों और निर्माताओं से संपर्क किया। साउथ लॉबी से प्राप्त ₹100 करोड़ की रिश्वत राशि का इस्तेमाल कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा गोवा चुनाव के लिए किया गया था। आप विधायक दुर्गेश पाठक उस वक्त गोवा चुनाव का प्रबंधन कर रहे थे। सीबीआई ने ₹45 करोड़ के लेन-देन का पता लगाने का दावा किया है। अरुण पिल्लई का बयान: सीबीआई का आरोप है कि आरोपी अरुण पिल्लई ने कहा कि केजरीवाल और सिसौदिया मिलकर एक्साइज पॉलिसी पर काम कर रहे थे।

Loading

Back
Messenger