हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले पांच महीने में राज्य में कांग्रेस के सुशासन के कारण लोगों ने शिमला नगर निगम (एसएमसी) चुनाव में उसे वोट दिया है।
कांग्रेस ने शिमला नगर निगम चुनाव में कुल 34 में से 24 वार्ड में जीत हासिल कर दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नौ वार्ड में जीत हासिल की है जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सिर्फ एक वार्ड पर जीत दर्ज करने में सफल रही। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने 34-34 उम्मीदवार खड़े किए थे और माकपा ने चार उम्मीदवार खड़े किए थे।
आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को हुए एसएमसी चुनावों में 21 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली है।
सुक्खू ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस को वोट देने के लिए शिमला के लोगों को धन्यवाद दिया।
सुक्खू ने कहा, ‘‘हम यहां व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हैं न कि सत्ता का आनंद लेने के लिए। हम सेवा भाव के साथ काम करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने हार की आशंका के मद्देनजर लगभग 11 महीने के लिए एसएमसी चुनाव स्थगित कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की है और 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की 2.40 लाख महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह भी दिए हैं, जैसा कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के घोषणापत्र में वादा किया गया था।
इस मौके पर कांग्रेस की हिमाचल इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह भी मौजूद थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि वह जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस पर एसएमसी चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। ठाकुर ने आरोप लगाया कि शिमला के बाहर रहने वाले लोगों ने निकाय चुनाव में वोट डाला था।
उन्होंने कहा कि यह जनादेश पूरी तरह से शिमला में रहने वाले लोगों का नहीं है।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों, मंत्रियों और यहां तक कि मुख्यमंत्री ने नवंबर 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में अन्य विधानसभा क्षेत्रों में मतदान किया था और अब उन्होंने शिमला नगर निगम चुनाव में मतदान किया।
ठाकुर ने कहा, ‘‘ मेरा वोट शिमला में भी दर्ज हुआ था और हम भी शिमला में वोट कर सकते थे, लेकिन मैंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक पत्र के माध्यम से नामों को हटा दिया क्योंकि हमारे विधानसभा क्षेत्र सिराज में भी हमारे वोट पंजीकृत हैं।