सामाजिक कार्यकर्ता और ‘सुलभ इंटरनेशनल’ के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। उन्होंने 15 अगस्त को अंतिम सांस ली। दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में उनका निधन हुआ। डॉ. बिंदेश्वर पाठक को कार्डियक अरेस्ट आया था जिस कारण उनका निधन हो गया है।
कार्डियक अरेस्ट आने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन यानी सीपीआर दिया गया। हालांकि सीपीआर दिए जाने के बाद भी उन्हें सांस नहीं दी जा सकी और उन्हें बचाने में सफलता नहीं मिल सकी। डॉ. बिंदेश्वर पाठक की देशभर में पहचान प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक के रूप में थी।
पीएम मोदी ने जताया दुख
The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden.
Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023
वहीं डॉ. बिंदेश्वर पाठक के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा कि,”डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया।”
पीएम मोदी ने कहा,”बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया था। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा।”
जानकारी के मुताबिक उनकी तबियत 15 अगस्त को अचानक तब खराब हुई जब वो सुलभ इंटरनेशनल के कार्यालय में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। तबियत खराब होने के बाद उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां उनका निधन हो गया। माना जा रहा है कि उनका निधन दोपहर 1.42 बजे हुआ है। बता दें कि सुलभ इंटनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना उन्होंने वर्ष 1970 में की थी, जिसका उद्देश्य मानव अधिकारों, स्वच्छता और सामाजिक सुधार करना था।
सुलभ से लाए क्रांति
बता दें कि वर्ष 2015 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। भारत में स्वच्छता अभियान की शुरुआत से पहले ही वो सफाई को लेकर शानदार पहल की शुरुआत कर चुके थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार, सामाजिक विकास और मानवाधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में उन्होंने बेहतरीन योगदान दिया है। उन्होंने इस योगदान के कारण ही दुनिया भर में नाम कमाया।