नयी दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अलकायदा से जुड़े एक आतंकवादी समूह के असम में सक्रिय मॉड्यूल के दो कथित सदस्यों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। इनपर देश में आतंक और हिंसा फैलाने की साजिश रचने का आरोप है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरक आरोप पत्र अकबर अली और अबुल कलाम आजाद के खिलाफ दायर किया गया है, जिन्हें पांच अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।
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अधिकारियों ने बताया कि दोनों असम के बारपेटा जिले में सक्रिय रहे अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) का हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व बांग्लादेशी नागरिक सैफुल इस्लाम कर रहा था। उन्होंने बताया कि इस्लाम शेखुल हिंद महमदुल हसन जमीउल हुदा इस्लामिक अकादमी में एक अरबी शिक्षक और ढकलियापारा मस्जिद का इमाम होने की आड़ में आतंकी गतिविधि में संलिप्त था।
उन्होंने कहा कि एजेंसी मॉड्यूल के बांग्लादेशी आकाओं की तलाश कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने दोनों के खिलाफ अपने पूरक आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाये हैं।
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संघीय एजेंसी ने पिछले साल अगस्त में समूह के आठ अन्य आरोपियों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया था।
एनआईए प्रवक्ता ने यहां जारी एक बयान में बताया, ‘‘ दोनों आरोपियों, मोहम्मद अकबर अली उर्फ अकबर अली और अबुल कलाम आजाद ने अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के एक सक्रिय आतंकी मॉड्यूल के हिस्से के रूप में आतंकवादी गतिविधियों को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची थी। एबीटी प्रतिबंधित संगठन अल-कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) से संबद्ध है।’’
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि दोनों आरोपी अल-कायदा और एबीटी को मजबूत करने और युवाओं को आतंकवादी कृत्यों के लिए तैयार करने में लगे हुए थे।
एनआईए ने जांच के दौरान यह भी पाया है कि वे पड़ोसी जिलों में विभिन्न धार्मिक स्थानों पर एक्यूआईएस की गतिविधियों का विस्तार करने के लिए बैठकें आयोजित करने में सह-षड्यंत्रकारी थे।
प्रवक्ता ने बताया,‘‘ मुस्लिमों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लामबंद करने का काम मॉड्यूल के बांग्लादेशी आकाओं, जाकिर उर्फ मेहदी हसन उर्फ अमीनुल इस्लाम, महबूब रहमान उर्फ महबूब आलम उर्फ सुल्तान के सक्रिय मार्गदर्शन में हो रहा था।’’
असम पुलिस ने चार मार्च 2022 को इस संबंध में मामला दर्ज किया। बाद में एनआईए ने मामले की जांच की जिम्मेदारी संभाल ली और 22 मार्च 2022 को फिर से मामला दर्ज किया।
बांग्लादेशी नागरिक सैफुल इस्लाम ने उस समूह का नेतृत्व किया, जिसका संचालन असम के बारपेटा से होता था।
एनआईए ने आरोप लगाया है कि सैफुल जिहादी संगठनों में शामिल होने के लिये मुसलमानों को समझाने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था, ताकि वे भारत में अल-कायदा और इसके विभिन्न संगठनों के लिए आधार बनाने के वास्ते मॉड्यूल में काम करें।
इसमें कहा गया है कि मॉड्यूल के बांग्लादेशी आकाओं और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।