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धुले। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने लाडकी बहिन योजना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को सरकार पर “बेहद स्वार्थी” होने और भाई-बहन के रिश्ते को “धन के चश्मे” से देखने का आरोप लगाया। धुले जिले में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए सुले ने दावा किया कि राज्य में महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ शुरू की गई है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ को झटका लगा है।
‘महायुति’ में शिवसेना, भाजपा और राकांपा शामिल हैं। कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के महा विकास आघाडी (एमवीए) ने इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट में से 30 पर जीत हासिल करके ‘महायुति’ गठबंधन को करारी शिकस्त दी थी। भाजपा ने 2019 में 23 सीट जीती थीं, जिनमें से 14 सीट पर उसे हार मिली है। उन्होंने कहा कि अगर यह पैसा ‘आशा’ (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं) को दिया जाता तो इससे उनका अगले दस साल तक जीवनयापन हो सकता था।
सुले ने कहा, “महिलाओं ने मुझे बताया कि लाडकी बहिन योजना से ज्यादा वे सोयाबीन और कपास के लिए अच्छा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य), बेरोजगारों के लिए रोजगार और मुद्रास्फीति पर रोक चाहती हैं। एक आशा कर्मी ने कहा कि उनके लिए घोषित वेतन वृद्धि के लिए जीआर (सरकारी प्रस्ताव) अभी तक जारी नहीं किया गया है।” राकांपा (एसपी) की लोकसभा सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार समझ नहीं पाई है कि महिलाएं क्या चाहती हैं। सुले ने आरोप लगाया, “यह एक बेहद स्वार्थी सरकार है। यह भाई-बहन के रिश्ते को पैसे के चश्मे से देखती है।