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ताहिर हुसैन दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए आएंगे जेल से बाहर? 28 जनवरी को SC में सुनवाई

इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े फरवरी 2020 के दंगों के एक मामले में आरोपी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा एक विशेष पीठ का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ 28 जनवरी को हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी है। 

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ताहिर की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दो जजों जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने खंडित फैसला सुनाया था। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल हुसैन को जमानत देने के पक्ष में नहीं थे जबकि न्यायमूर्ति अमानुल्लाह की राय थी कि कुछ शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है। यह मानते हुए कि चुनाव लड़ने का अधिकार कोई मौलिक अधिकार नहीं है, न्यायमूर्ति मिथल ने कहा कि अंतरिम जमानत की अनुमति देने से भानुमती का पिटारा खुल सकता है क्योंकि प्रत्येक विचाराधीन कैदी इसी आधार पर आवेदन करेगा।

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चुनाव लड़ने के प्रयोजनों के लिए अंतरिम जमानत की अनुमति दी जाती है, तो यह भानुमती का पिटारा खोल देगा। चूंकि पूरे साल चुनाव होते हैं, इसलिए हर विचाराधीन कैदी यह दलील लेकर आएगा कि वह चुनाव में भाग लेना चाहता है और इसलिए उसे अंतरिम जमानत दी जाए। इससे बाढ़ के द्वार खुल जाएंगे, जिसकी हमारी राय में अनुमति नहीं दी जा सकती। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हुसैन को हिरासत में पैरोल दे दी थी। 

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