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तमिलनाडु : गिरफ्तार मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका अदालत ने बंद की

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के गिरफ्तार मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को इस मामले के उच्चतम न्यायालय में लंबित होने का हवाला देते हुए मंगलवार को बंद कर दिया।
न्यायमूर्ति जे. निशा बानू और डी. भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एन. आर. एलंगो की दलीलें सुनने के बाद याचिका को बंद कर दिया।
खंडपीठ के समक्ष याचिका यह तय करने के लिए सूचीबद्ध थी कि किस तारीख से ईडी सेंथिल बालाजी को हिरासत में ले सकती है। ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले में सेंथिल को पूर्व में गिरफ्तार किया था।

यह घोटाला उस वक्त हुआ था जब वह (सेंथिल) तत्कालीन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जब आज (मंगलवार) मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो न्यायमूर्ति निशा बानू ने कहा कि पूर्व में मामले में खंडित फैसला सुनाया गया था और मामले को तीसरे न्यायाधीश के पास भेज दिया गया था, जिन्होंने बाद में न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती के निष्कर्ष पर सहमति जताई थी।
उन्होंने कहा, मैं तिथि चार जुलाई 2023 को दिए अपने फैसले के साथ हूं।

मेरे पास इस मामले में आगे कहने के लिए कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि चूंकि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, हम मामले को बंद करेंगे।
न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती के विचार जानना चाहा, जिस पर उन्होंने कहा, हां, हम मामले को बंद करेंगे। न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती के फैसले पर सहमति जताने वाले तीसरे न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.वे. कार्तिकेयन ने लेखागार को खंडपीठ के समक्ष वह तारीख बताने का निर्देश दिया, जिससे ईडी बालाजी को हिरासत में ले सकती है।

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