धामी ने जोड़ा जनजातीय बिकास में नया आयाम, तरुण विजय विलुप्त प्राय जनजातीय धारा के अभिलेखीकरण में जुटे
देहरादून- चम्पावत पिथौरागढ़ क्षेत्र में वन राजी, थारु और अत्यंत अल्प ज्ञात कुतलिया बोरा समाज की परंपराओं तथा मान्यताओं का अभिलेखीकरण व ध्वन्यांकन हेतु आए पूर्व सांसद तरुण विजय ने कहा कि पुष्कर धामी सरकार ने अत्यंत पिछड़े जनजातीय समाज हेतु विकास के नये आयाम स्थापित किए हैं।
आज तक किसी शासन में सुदूर क्षेत्रस्थ जनजातीय समाज के सांस्कृतिक अभिलेखीकरण और डिजिटलाइजेशन का कार्य नहीं हुआ। पर धामीशासन में यह कार्य प्रारंभ हुआ है जो राष्ट्रीय सांस्कृतिक फलक की सुरक्षा हेतु देश में विशिष्ट है। जैसे प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय का बजट ७० प्रतिशत बढ़ाया उसी तर्ज पर धामी सरकार का भी जनजातीय कल्याण बजट बढ़ाया गया है।
विद्यालय आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस विज्ञान से साक्षात्कार विज्ञान और प्रोद्योगिकी परिषद के द्वारा सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में बालक बालिकाओं के मध्य विज्ञान मेले पहले कभी सुने नहीं जाते थे, पर अब असामान्य गति से बढ़ रहे हैं।
वन राजी, थारु बुक़्सा देश के सर्वाधिक चुनौती ग्रस्त बिलुप्तप्रायसमाज हैं। इनकी वन राजी भाषा की संरक्षा और लिपिकरण हेतु उत्तराखण्ड विज्ञान व तकनीकी परिषद के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत तथा केंद्र सरकार में विज्ञान व प्रोद्योगिकी मंत्रालय के साथ तरुण विजय कार्य कर रहे हैं। इसी हेतु वे ज्योल जीवी पिथौरागढ़ के ग्राम्य प्रवास पर है। डॉ दुर्गेश पंत ने इस दिशा में नवीन पहल का कीर्तिमान भी बनाया है।
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