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Education Policy in India Part 2| कांग्रेस का मानव संसाधन बनाम मोदी का शिक्षा मंत्रालय | Teh Tak

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को रिकॉर्ड बहुमत मिला था। जवाहर लाल नेहरू के प्रपौत्र और इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी ने देश की सत्ता संभाली। 1984 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, तब वह देश की व्यवस्था में काफी बदलाव लाना चाहते थे। सत्ता संभालने के एक साल के बाद ही राजीव गांधी सरकार ने शिक्षा मंत्रालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय में तब्दील कर दिया। उस वक्त वह कई सलाहकारों से घिरे रहा करते थे। तब उन्होंने सलाहकारों के इस सुझाव को माना कि शिक्षा से जुड़े तमाम विभागों को एक छत के नीचे लाया जाना चाहिए। इस तर्क के आधार पर 26 सितंबर, 1985 को शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया गया था और पीवी नरसिम्हा राव को इस मंत्रालय की कमान सौंप दी गई। तब संस्कृति, युवा और खेल जैसे विभागों को शिक्षा से जुड़ा मानते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया। इसके लिए राज्य मंत्री नियुक्त किए गए। इसके अगले वर्ष नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार हुआ। 
वैसे तो शिक्षकों के संबंध में किसी महापुरुष के बारे में पूछे जाने पर हमारे मन में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉय राधाकृष्णन का नाम सामने आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद भी देश के बहुत बड़े शिक्षाविद थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कामों की वजह से ही पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें देश का पहला शिक्षा मंत्री बनाया था। वहीं वर्तमान दौर में धर्मेंद्र प्रधान वर्तमान में भारत के शिक्षा मंत्री के पद पर हैं। भारत में शिक्षा मंत्रालय (एमओई) एक महत्वपूर्ण सरकारी विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। यह दो मुख्य प्रभागों के माध्यम से संचालित होता है: एक स्कूली शिक्षा, वयस्क शिक्षा और साक्षरता सहित प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक स्तर की देखरेख करता है, जबकि दूसरा उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, छात्रवृत्ति और विश्वविद्यालयों पर ध्यान केंद्रित करता है। भारत की आज़ादी के बाद से हाल के वर्षों में साक्षरता दर में 12% से 75% तक उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत के इतिहास में 30 से अधिक शिक्षा मंत्रियों में से प्रत्येक ने हमारे देश में शिक्षा की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
राजीव गांधी और नरसिम्हा राव की शिक्षा नीति 
1986 में राजीव गांधी सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई। नीति का मकसद महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षा में समान अवसर मुहैया कराना था। नीति के तहत ओपन यूनिवर्सिटी खोलने की शुरूआत भी की गई। नतीजा इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी सामने आई। ग्रामीण शिक्षा के विकास पर जोर देने की बात भी जोर-शोर से की गई। समें कंप्यूटर और पुस्तकालय जैसे संसाधनों को जुटाने पर जोर दिया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में देश में शिक्षा के विकास के लिए व्यापक ढांचा पेश किया गया। शिक्षा के आधुनिकीकरण और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर रहा। पिछड़े वर्गों, दिव्यांग और अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इस शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर बच्चों के स्कूल छोड़ने पर रोक लगाने पर जोर दिया गया और कहा गया कि देश में गैर औपचारिक शिक्षा के नेटवर्क को पेश किया जाना चाहिए। साथ ही 14 वर्ष की आयु के बच्चों की शिक्षा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। महिलाओं के मध्य अशिक्षा की दर को कम करने के लिए उनकी शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्हें विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में प्राथमिकता दी जाए। साथ ही व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा में उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। 
मोदी सरकार लेकर आई New Education Policy 2020 
भारत में जैसा शिक्षा का पैटर्न है और जैसी जटिलताएं इसमें रही हैं, लंबे समय से मांग की जा रही थी कि इसमें कुछ अहम परिवर्तन किए जाएं और इसको मॉडिफाई किया जाए। तो वो तमाम लोग जो भारतीय शिक्षा पद्धति और उसके नियमों से अब तक संतुष्ट नहीं थे उनको सरकार ने बड़ी राहत दी है। नई शिक्षा नीति पर जिस बात को लेकर सबसे ज्यादा बहस हो रही है वो ये कि अब इसके दायरे में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ एग्रीकल्चर, चिकित्सा शिक्षा और टेक्निकल एजुकेशन को भी जोड़ दिया गया है। आजकल चूंकि पढ़ाई के बाद छात्रों को नौकरी हासिल करने में खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है इसलिए माना यही जा रहा है कि इस नई शिक्षा नीति से ये संकट दूर होगा और छात्रों को रोजगार मिलने में आसानी होगी। बता दें कि नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पढ़ाई के साथ साथ किसी लाइफ स्किल से सीधे जोड़ना है।

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