बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को जोर देकर कहा कि उन्हें नीतीश कुमार के स्थान पर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की कोई जल्दबाजी नहीं है। इसके साथ ही तेजस्वी ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीतीश कुमार को पद से हटाना चाहती है।
तेजस्वी ने पत्रकारों के उन सवालों को खारिज कर दिया जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या वह जद (यू) के कुछ शीर्ष नेताओं के उन दावों से ‘‘छला हुआ’’ महसूस करते हैं कि नीतीश कुमार 2025 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और 2030 तक महागठबंधन का नेतृत्व करने में ‘‘सक्षम’’ हैं।
राजद नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने क्या गलत कहा है। वास्तविकता यह है कि वह (नीतीश) बेहद सक्षम हैं। जितना अधिक समय तक वह रहेंगे, उनका अनुभव उतना ही समृद्ध होगा। मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है।’’
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी का यह बयान जद (यू) के लिये राहत प्रदान करने वाला है। हाल ही में जद (यू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यह आरोप लगाते हुये पार्टी छोड़ दी थी कि सहयोगी दल के साथ ‘‘सौदा’’ किया गया है।
इसके अलावा, राजद के कुछ विधायकों ने भी दावा किया है कि यादव मार्च में होली के बाद (मुख्यमंत्री का) पदभार ग्रहण करेंगे।
यादव ने कहा कि वह अगले साल होने वाले आम चुनाव में भारतीय जनता पाटी (भाजपा) की हार सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से ‘‘वे एक भी सीट नहीं जीत सकें।’’
तेजस्वी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के उस बयान पर गंभीरता नहीं दिखाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके बेटे और राज्य सरकार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कोटे से मंत्री संतोष सुमन पर भी शीर्ष पद के लिये विचार किया जा सकता है।
तेजस्वी ने कहा, ‘अपने बेटे के बारे में इच्छा रखना क्या कोई पाप है? क्या आप लोग नहीं चाहते हैं कि आपका बेटा आपसे भी आगे जाए।