केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाजपा के बिहार में सत्ता में आने पर दंगाईयों को उल्टा लटका दिए जाने संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि यह प्रदेश लोगों को सीधा करने के लिए जाना जाता है।
राजद नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई सांसद हंगामा करने में शामिल थे, लेकिन पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार शाह ने उनके व्यवहार के लिए उनकी खिंचाई नहीं की।
तेजस्वी ने कहा, ‘‘यह बिहार है। यहां के लोग जानते हैं कि जिन्हें इस तरह के इलाज की जरूरत है, उन्हें कैसे ठीक करना है। गुजरात के लोगों के लिये, बिहार में अपने प्रवचन के दौरान यह याद रखना अच्छा होगा कि यह वही भूमि है जहां गांधी महात्मा बने थे।’’
उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को नवादा जिले की एक रैली में शाह के उग्र भाषण जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में भाजपा के सत्ता में आने पर दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा।
दिल्ली से लौटने के बाद पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजद के युवा नेता ने यह भी कहा कि शाह ने सांप्रदायिक स्थिति का जायजा लेने के लिए बिहार के राज्यपाल को फोन करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, और यह ‘संघवाद’’ की भावना के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के अधिकार को कमजोर करने जैसा था।
राजद नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में 100 से अधिक स्थानों पर रामनवमी उत्सव के दौरान जुलूस निकाले गए पर सासाराम और बिहारशरीफ में सांप्रदायिक गड़बड़ी पैदा करने के गंभीर प्रयास किए गए।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि दंगे एक साजिश का नतीजा थे, उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूरी तरह से।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दो महीने से भी कम समय पहले पूर्णिया जिले में सत्ताधारी महागठबंधन की सफल रैली के बाद से विपक्षी भाजपा बौखला गई है।
तेजस्वी ने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए आरोप लगाया, ‘‘तमिलनाडु में प्रवासियों पर हमलों के झूठे आरोपों के साथ उपद्रव करने का प्रयास भी विफल रहा इसलिए अब दंगे करवाए गए।’’
उन्होंनें कहा, ‘‘सत्ता रहे न रहे, भाईचारा रहना चाहिए।’’
तेजस्वी ने पूछा, ‘‘अमित शाह दंगाइयों को उल्टा लटकाने की बात करते हैं। वह कई सांसदों से घिरे हुए हैं, जो खुले तौर पर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काते हैं। उन्होंने उनमें से कितनों को सीधा किया है।