तेलंगाना में जैसे-जैसे मतदान का समय करीब आ रहा है वैसे-वैसे तुष्टिकरण की राजनीति जोर पकड़ने लगी है। मुख्यमंत्री केसीआर और उनके करीबी असद्दुदीन ओवैसी खुलकर अपनी सभाओं में मुस्लिम मुस्लिम कर रहे हैं दूसरी ओर कांग्रेस भी खुद को मुस्लिमों का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने में लगी हुई है। दस साल से तेलंगाना की सत्ता में जमे मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के लिए मात्र दो हजार करोड़ रुपए खर्च किये जबकि उनके नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति की सरकार ने दस साल में अल्पसंख्यकों के विकास पर 12 हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च की। केसीआर अपनी सभाओं में उम्मीद जता रहे हैं कि अल्लाह ने चाहा तो तेलंगाना एक बार फिर उनके पास आयेगा।
केसीआर के भाषणों को आप सुनेंगे तो आपको आभास होगा कि वह किसी चुनावी रैली को नहीं बल्कि धार्मिक रैली को संबोधित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री केसीआर ने संविधान की शपथ लेते समय सबके साथ न्याय करने की बात कही थी लेकिन उनके भाषणों से लग रहा है कि उन्होंने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। हम आपको बता दें कि अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने के लिए भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने यह दावा भी कर दिया है कि यदि उनकी सरकार तीसरी बार भी बनती है तो वह मुस्लिम युवाओं के लिए आईटी पार्क स्थापित करेंगे। यहां सवाल केसीआर से है कि क्या आईटी पार्क अब धर्म के आधार पर बनाये जाएंगे। क्या वोट बैंक की राजनीति के चलते आने वाले समय में देश में पुल, पुलिया, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस व ट्रेन भी धार्मिक आधार पर चलेंगी? सवाल यह है कि आखिर किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने को आतुर नेता देश को किस राह पर ले जाना चाहते हैं? यदि राजनीतिक दल धर्म के आधार पर संसाधनों को स्थापित करने की बात करने लगेंगे तो उनमें और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई में क्या अंतर रह जायेगा जो 2047 तक भारत के इस्लामीकरण का लक्ष्य लेकर चल रही है?
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कहीं यह केसीआर की ओर से दी जा रही शह का परिणाम तो नहीं है कि एआईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी खुलेआम पुलिस अधिकारियों को धमकी देने लगते हैं? कहीं यह केसीआर द्वारा दी जा रही शह का परिणाम तो नहीं है कि अकबरुद्दीन ओवैसी पुलिस अधिकारी को धमकी देते हुए कहते हैं कि अगर वह (अपने समर्थकों को) इशारा करेंगे तो पुलिस अधिकारी वहां से भागने के लिए मजबूर हो जाएंगे? इसके अलावा केसीआर अपनी सभाओं में भाजपा की हार की भविष्यवाणी करें इसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन सवाल यह है कि वह आखिर मुस्लिमों से यह क्यों कह रहे हैं कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि 2024 में भाजपा हारने वाली है? भाजपा 2024 में हारे या जीते लेकिन इससे किसी को डरने या नहीं डरने की जरूरत कहां से आ गयी? सबको पता होना चाहिए कि भारत में राजनीतिक पार्टियां या सत्ताधारी दल कानून से ऊपर नहीं हैं।
हम आपको बता दें कि महेश्वरम से शिक्षा मंत्री सविता इंद्र रेड्डी की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केसीआर ने यह विवादित बयान दिया है। केसीआर ने कहा कि हम पेंशन दे रहे हैं जो मुसलमानों को भी मिल रही है। हमने आवासीय विद्यालय खोले हैं जिनमें मुस्लिम विद्यार्थी भी पढ़ते हैं। हम सभी को अपने साथ लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज, हम मुस्लिम युवाओं के बारे में और हैदराबाद के पास उनके लिए एक विशेष आईटी पार्क स्थापित करने सोच रहे हैं। आईटी पार्क पहाड़ी शरीफ के पास बनेगा।’’
प्रदेश के जहीराबाद में, केसीआर ने केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा पार्टी किसी का कोई भला नहीं कर रही, ‘‘देश का माहौल खराब कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार का कार्यकाल केवल कुछ और दिनों तक चलेगा। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सत्तारुढ़ गठबंधन 2024 का लोकसभा चुनाव हार जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा देश में माहौल खराब कर रही है। इसमें किसी का कोई फ़ायदा नहीं है। यह उनके लिए स्थायी कार्यकाल नहीं होगा। डरने की कोई जरूरत नहीं है। उनका कार्यकाल बस कुछ और दिन ही है। वे हमेशा के लिये नहीं रहेंगे। जब लोगों को एहसास होगा तो वे उन्हें बाहर निकाल देंगे। फिर, यह खुशहाली वाला देश होगा।’’
तेलंगाना में किसी तरह के कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं होने तथा राज्य को ‘शांतिपूर्ण’ बताते हुये राव ने कहा कि बीआरएस सरकार ने पिछले 10 वर्षों के दौरान अल्पसंख्यक विकास पर 12,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासन के दौरान 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे। उन्होंने कहा कि जब तक केसीआर जीवित हैं, तेलंगाना एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बना रहेगा। मुख्यमंत्री के मुताबिक, अलग राज्य बनने के बाद तेलंगाना में विकास संभव हो सका है। उन्होंने लोगों से पूछा, ‘‘तेलंगाना के लिए राज्य का दर्जा किसने हासिल किया। 24 घंटे मुफ्त बिजली लागू करने में कौन सक्षम है। हर घर नल का पानी किसने पहुंचाया।’’ मौके पर मौजूद लोगों ने ‘केसीआर-केसीआर’ कहकर इसका जवाब दिया। महेश्वरम में रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार मुसलमानों एवं हिंदुओं को दो आंखों की तरह मानती है और सभी को साथ लेकर चलती है।