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ठाणे के अस्पताल का भीड़ ने किया घेराव, सुरक्षा बलों के प्रयास से स्थिति सामान्य हो रही है

महाराष्ट्र के ठाणे स्थित नगर निकाय के तहत आने वाले एक अस्पताल में शुक्रवार को स्थिति सामान्य होने लगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अस्पताल में एक दिन में पांच लोगों की कथित मौत के कारण बृहस्पतिवार रात बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में एकत्र हो गये थे और अधिकारियों पर ‘लापरवाही’ का आरोप लगाते हुए मौत के संदर्भ में सवाल खड़े किये थे, जिसके बाद अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में बृहस्पतिवार देर रात हुई घटना के बाद पुलिस की भारी तैनाती की गई है। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि बृहस्पतिवार को सिर्फ एक मरीज की मौत हुई है।
एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर तक भीड़ तितर-बितर होने के बाद पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कम कर दी गई।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी अस्पताल का दौरा किया और आरोप लगाया कि ‘लापरवाही’ की वजह से पांच मरीज़ों की मौत हो गई। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल ने पैसों के लिए मरीज़ों के मरने के बाद भीइलाज का ढोंग किया।
बाद में उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार बेहतर प्रबंधन के लिए अस्पताल को ठाणे नगर निकाय से अपने अधिकार में ले।
ठाणे पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक कर्मी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “करीब 100 लोगों की भीड़ बृहस्पतिवार रात तकरीबन साढ़े 10 बजे नगर निकाय द्वारा संचालित अस्पताल में जमा हो गई। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से मरीजों की मौत को लेकर सवाल किया और उनपर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।”
उन्होंने बताया कि घटना के बाद अस्पताल में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

राकांपा नेता आव्हाड ने शुक्रवार को सुबह एक बयान जारी कर आरोप लगाया, ‘मेडिकल कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक ही दिन में (बृहस्पतिवार को) अस्पताल में पांच लोगों की मौत हो गई। ’
उन्होंने दावा किया, “एक तरफ बेड की कमी का बहाना बनाकर मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है, जबकि मृतकों को घंटों तक आईसीयू में रखा जाता है।”
विधायक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “एक महिला ने मुझे फोन कर बताया कि उसके पति का अस्पताल में उचित इलाज नहीं किया जा रहा है। जब मैं वहां गया तो पता चला कि उसके पति का इलाज जनरल वार्ड में किया जा रहा है। फिर मुझे बताया गया कि उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया है।”
आव्हाड ने दावा किया, “जब मैं आईसीयू में गया तो मुझे बताया गया कि मरीज की मौत हो चुकी है, लेकिन डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन पांच घंटे से उसका इलाज कर रहे थे। महिला को उसके पति की मौत की जानकारी नहीं दी गई। जब मैंने डॉक्टरों से इस बारे में सवाल किया तो वे कोई जवाब नहीं दे सके।’’

आव्हाड ने आरोप लगाया कि ठाणे नगर निगम (टीएमसी) द्वारा संचालित अस्पताल अधिक राशि वाले बिल जारी करके मरीजों को लूट रहा है। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल मरीजों की मौत के बाद भी उनका इलाज का ढोंग कर पैसा कमा रहा है।
संपर्क करने पर, ठाणे नगर निगम के अतिरिक्त नगर आयुक्त एवं चिकित्सा सेवाओं के प्रभारी संदीप मालवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अस्पताल में एक दिन में पांच मरीजों की मौत नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, “अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों में से एक की हालत काफी गंभीर थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हालांकि उनके रिश्तेदारों ने अस्पताल पर कोई सवाल नहीं उठाया, लेकिन अन्य लोगों ने मेडिकल कर्मियों को दोषी ठहराया और इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया।”
मालवी ने कहा, “अस्पताल पर बोझ कई गुना बढ़ गया है। आईसीयू की क्षमता 50 मरीजों की है, लेकिन उसमें 70 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जाता है।”
बाद में दिन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, आव्हाड ने अपनी मांग दोहराई कि टीएमसी द्वारा प्रबंधित अस्पताल को बेहतर प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को सौंप दिया जाए।

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