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धन शोधन मामला: न्यायालय ने यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तक की पत्नी प्रीति चंद्रा को डोमिनिकन की नागरिकता छोड़ने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तक एवं धन शोधन के एक मामले में आरोपी संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को अपना पासपोर्ट यहां डोमिनिकन गणराज्य के दूतावास को सौंपने का निर्देश दिया, ताकि कैरिबियाई राष्ट्र की उनकी नागरिकता छोड़ी जा सके।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की सदस्यता वाली पीठ से कहा कि प्रीति चंद्रा ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
अदालत ने विधि अधिकारी की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि डोमिनिकन गणराज्य द्वारा जारी चंद्रा का पासपोर्ट धन शोधन मामले की जांच कर रहे ईडी के जांच अधिकारी के पास है।

पीठ ने आदेश दिया कि वह अपना पासपोर्ट वापस लें और डोमिनिकन गणराज्य की अपनी नागरिकता का परित्याग करने के उद्देश्य से इस देश के दूतावास को सौंपे।
हालांकि, पीठ ने जमानत की इस शर्त में बदलाव करने से इनकार कर दिया कि वह अदालत की अनुमति के बगैर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर नहीं जाएंगी।
धन शोधन का मामला दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज कई मामलों से उपजा है। घर खरीददारों ने ये मामले यूनिटेक समूह और इसके प्रवर्तकों के खिलाफ दर्ज कराये थे।

निचली अदालत में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है।
आरोप है कि घर खरीददारों से प्राप्त रकम का इस्तेमाल उनके लक्षित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया और उनके साथ धोखाधड़ी की गई तथा आरोपियों ने धन शोधन का अपराध किया।
अभियोजन के मुताबिक, प्रीति चंद्रा के खिलाफ यह आरोप है कि धन शोधन के अपराध से अर्जित आय के रूप में उनकी कंपनी प्राकौसली इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को कुल 107 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, लेकिन उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि इस राशि का कैसे उपयोग किया गया।

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