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आदिवासियों को गुमराह करने के लिए अलग राज्य की मांग उठाई गई: मुख्यमंत्री माणिक साहा

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी दल टिपरा मोथा ने स्थानीय लोगों को गुमराह करने के लिए आदिवासियों के लिए एक अलग राज्य की मांग उठाई है।

टिपरा मोथा के नाम का उल्लेख किए बिना साहा ने सभी मूल जनजातियों के प्रमुखों के एक सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार उनके कल्याण के लिए 5000 करोड़ रुपये खर्च करेगी ना कि 600 करोड़ रुपये जैसा कि विपक्षी दल ने दावा किया है।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में कहा, अगर कोईअपनी समस्याओं का उल्लेख करेगा तो हम जरूर उनका निपटारा करेंगे। लेकिन लोगों को बांटकर राज करने की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
साहा का यह बयान पूर्वोत्तर के गृह मंत्रालय के सलाहकार ए के मिश्रा द्वारा नई दिल्ली में टिपरा मोथा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने के कुछ सप्ताह बाद आया है।

टिपरा मोथा आदिवासियों के लिए एक अलग ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग कर रहा है।
ग्रेटर टिपरालैंड की अवधारणा को विस्तृत नहीं किया गया है, हालांकि माना जाता है कि इसमें त्रिपुरा के अलावा कई अन्य पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के हिस्से भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, टिपरालैंड के लिए लगाए गए नारे लोगों को गुमराह करने के लिए हैं… हमनें राजनीतिक लक्ष्यों को पाने के लिए 30 वर्षों(वामपंथी शासन) तक बहाए गए घड़ियाली आंसूदेखे हैं। वे आदिवासियों का वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल करते हैं।
साहा ने जोर देकर कहा कि मूल निवासियों को पीछे छोड़कर पूर्वोत्तर राज्य का विकास नहीं किया जा सकता। मूल निवासी कुल आबादी का 32 प्रतिशत हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, लोगों के बीच कोई विभाजन नहीं होना चाहिए क्योंकि हम सभी एक त्रिपुरा श्रेष्ठ त्रिपुरा (वन त्रिपुरा ग्रेट त्रिपुरा) हासिल करने के लिए एकजुट हैं।

साहा ने कहा, वे (टिपरा मोथा) कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को केवल 600 करोड़ रुपये दिए हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि स्थानीय जनजातियों के कल्याण के लिए 5000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
अप्रैल 2021 में हुए टीटीएएडीसी चुनाव में टिपरा मोथा ने 28 सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी और परिषद में सत्तारूढ़ भाजपा विपक्ष में है।
साहा ने कहा कि पूर्वात्तर राज्य में वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बड़े पैमाने पर विकास हुआ है।

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