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Tungnath Temple Doors Closed | उत्तराखंड के चोपता गांव में स्थित भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद, विधि-विधान से हुई पूजा

रुद्रप्रयाग। शिव भक्तों के लिए एक आवश्यक सूचना है जिसके बारे में उन्हें जानना जारुरी है। हम सभी सर्दियों के पूरी तरह से शुरू होने से पहले घूमने फिरने का प्लान बनाना ते हैं। शिव भक्त सबसे ज्यादा उत्तराखंड जाते हैं क्योंकि वहां इस राज्य में पंच केदार हैं। लोग तीर्थ करने के लिए भी उत्तराखंड जाते हैं। ऐसे में अगर आप उत्तराखंड जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको बता दें कि कुछ मंदिरों के कपाट बंद होने जा रहे हैं।

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग स्थित तुंगनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार और विस्तृत अनुष्ठान के बाद सर्दियों के लिए बंद कर दिए गए। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने यह जानकारी दी।
अजय ने बताया कि ‘मंगला आरती और पूजा’ के बाद मंदिर के कपाट पूर्वाह्न 11 बजे बंद किये गए। उन्होंने बताया कि मंदिर के कपाट बंद होने के अनुष्ठान के दौरान 1500 श्रद्धालु मंदिर परिसर में मौजूद थे।

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तुंगनाथ मंदिर 11 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है और यह हिमालय की गढ़वाल श्रृंखला में अवस्थित पंच केदार मंदिरों में सबसे ऊंचाई पर है। मंदिर के कपाट सर्दियों में बंद रहते हैं क्योंकि पूरा इलाका बर्फ से ढक जाता है।
अजय ने बताया कि इस साल मंदिर में 35 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
मंदिर के कपाट बंद होने के बाद बाबा तुंगनाथ (भगवान शिव) के विग्रह को फूलों से सजी पालकी में चोपता लाया गया जहां सर्दियों में उनकी पूजा अर्चना की जाएगी।

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