जयपुर। मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें मतदान आम आदमी के लिये आसान बनाना और मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
आयुक्त ने यह भी कहा कि आयोग के समक्ष अनिवार्य मतदान का कोई प्रस्ताव नहीं है।
जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अखबारों में विज्ञापन देकर अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में बताना होगा।
इसके साथ ही राजनीतिक दलों को यह कारण भी बताना होगा कि पार्टी ने उसे उम्मीदवार के तौर पर क्यों चुना है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में पहली बार बुजुर्ग मतदाताओं के साथ-साथ 40 प्रतिशत विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए भी घर से वोट देने की सुविधा उपलब्ध होगी।
अनिवार्य मतदान के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, चुनाव आयोग के समक्ष अनिवार्य मतदान का कोई प्रस्ताव नहीं है।
कुमार ने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदान में आसानी बढ़ाने के लिए पहल की गई है, साथ ही, राज्य में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सीमा क्षेत्र, खासकर हरियाणा और पंजाब सीमा पर शराब और नकदी के परिवहन की जांच करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 5.25 करोड़ मतदाता हैं जिनमें 2.73 करोड़ पुरुष, 2.51 करोड़ महिला और 604 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।उन्होंने बताया कि 18462 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, 11.8 लाख 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं और 21.9 लाख पहली बार मतदाता हैं।
आयोग के सदस्यों के साथ अपने प्रदेश दौरे के दौरान आयोग ने शुक्रवार से चुनाव तैयारियों के संबंध में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।
आयोग ने तीन दिवसीय दौरे के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, जिला कलेक्टरों और जिला पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठकें कीं।
चुनाव में 1600 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिलाएं, 200 केंद्रों का प्रबंधन दिव्यांगजन और 1600 केंद्रों का प्रबंधन नवनियुक्त युवाओं द्वारा किया जाएगा। कुल 51756 मतदान केंद्रों में से 50 प्रतिशत की वेबकास्टिंग भी की जायेगी।