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मध्यप्रदेश के उद्योग जगत ने आम बजट को सराहा, व्यापारी संगठनों की राय बंटी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आगामी वित्त वर्ष के लिये बुधवार को पेश आम बजट की मध्यप्रदेश के उद्योग जगत के संगठनों ने सराहना की और कहा कि बजट प्रावधानों से देश के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष योगेश मेहता ने पीटीआई- से कहा, सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये और रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय का बजट प्रस्ताव किया है जिससे देश के औद्योगिक विकास को पंख लगेंगे।’’

उन्होंने एमएसएमई के लिए 9,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय के साथ संशोधित ऋण गारंटी योजना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग सरीखी आधुनिक तकनीकों में युवाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देने के बजट प्रस्तावों की भी सराहना की।
राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के 1,500 छोटे-बड़े उद्योगों की नुमाइंदगी करने वाले पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने भी बजट की तारीफ की है।
संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने कहा, बजट प्रावधानों के जरिये देश को हरित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना सरकार का स्वागतयोग्य कदम है। बजट में छोटे उद्योगों के लिए ऋण और कार्यशील पूंजी के पर्याप्त इंतजाम पर खास ध्यान दिया गया है।’’

बहरहाल, कारोबारी संगठनों के इंदौर स्थित महासंघ अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने आम बजट को निराशाजनक करार दिया।
उन्होंने कहा, हमें छोटे और मध्यम व्यापारियों के नजरिये से बजट में उम्मीद की कोई किरण दिखाई नहीं देती।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और इंदौर निवासी कारोबारी रमेशचंद्र गुप्ता ने कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की कमाई पर कोई आयकर नहीं वसूले जाने के बजट प्रावधान से व्यापार जगत को फायदा होगा।
उन्होंने कहा, इस प्रावधान से मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के हाथों में ज्यादा रकम आएगी और इसका बड़ा हिस्सा बाजार में पहुंचकर घरेलू खपत को रफ्तार देगा। इससे जाहिर तौर पर सरकार का कर राजस्व भी बढ़ेगा।

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