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हुब्बली (कर्नाटक) । केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र ने प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू को अपवित्र करने के मुद्दे को गंभीरता से लिया है और इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के नंदिनी घी की खरीद रोक दिये जाने के बाद ये आरोप सामने आये हैं। सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कामकाज भी संभाल रहे जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने तिरुपति लड्डू में मिलावट का बहुत गंभीर आरोप सुना है। पिछली (आंध्र प्रदेश) सरकार नंदिनी घी का इस्तेमाल कर रही थी। जब उसने नंदिनी उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर दिया, तो उसने अलग-अलग स्रोतों से घी खरीदना शुरू कर दिया। तब से ये घटनाएं हुई हैं और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रयोगशाला रिपोर्ट भी जारी की है।’’
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भारत के एक महत्वपूर्ण नेता एवं अच्छे प्रशासक हैं तथा जब उन्होंने कुछ कहा है, तो उसमें अवश्य तथ्य होंगे। जोशी ने कहा, ‘‘अब जब प्रयोगशाला रिपोर्ट आ गई है, तो विस्तृत जांच होनी चाहिए। जिसने भी गलत किया है, उसे सजा मिलनी चाहिए। हम इसे गंभीरता से लेंगे और इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह देश की संस्कृति और आस्था का सवाल है। ऐसा विश्वासघात उचित नहीं है।’’ मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक में भी मंदिर प्रबंधनों को श्रद्धालुओं को दिये जाने वाले प्रसाद की समय-समय पर जांच करनी चाहिए। इस बीच, कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा ने वाई एस जगनमोहन रेड्डी के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान विदेशी ईसाई मिशनरियों की भूमिका का आरोप लगाया। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘ऐसा सिर्फ़ वाई एस जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में ही क्यों हुआ? इसमें विदेशी ईसाई पादरी की भूमिका है। जगन मोहन रेड्डी एक धर्मांतरित ईसाई हैं।’’ भाजपा से निष्कासित नेता ने कहा कि तिरुपति लड्डू को अपवित्र करना हिंदुओं के खिलाफ एक साजिश थी।