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दिव्यांग बच्चों की संस्था को मेरी मृत्यु के बाद भी सालाना एक करोड़ रुपये मिलते रहेंगे: लुलु समूह के सीएमडी

दुर्लभ और दिल को छू लेने वाला कदम उठाते हुए लुलु समूह के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एम ए यूसुफ अली ने वादा किया है कि वह यहां दिव्यांग बच्चों के एक कला केंद्र को हर वर्ष एक करोड़ रुपये का दान देते रहेंगे और आश्वस्त किया कि यह राशि उनकी मृत्यु के बाद भी हर साल संस्था को मिलती रहेगी।
इसके साथ ही पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अली ने डिफरेंट आर्ट्स सेंटर (डीएसी) को 1.5 करोड़ रुपये का दान दिया। यह संस्थान दिव्यांग बच्चों के कला कौशल को पहचानने और निखारने के लिए काम करती है।

अली ने कासरगोड के डायवर्सिटी रिसर्च सेंटर के लोगो को जारी करने के लिए यहां संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में आठ लाख से अधिक दिव्यांग बच्चे हैं।
उन्होंने कहा, यह सुनिश्चित करना हमारा सामाजिक दायित्व भी है कि इन बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। यह दायित्व केवल इन बच्चों के माता-पिता या संस्थान का नहीं है।
समाज के प्रति अपने दायित्व को पूरा करने को सुनिश्चित करने के लिए अली ने कहा कि डीएसी को वह 1.5 करोड़ रुपये का चेक देंगे।
व्यापारी ने इसके साथ ही कार्यक्रम में वादा किया कि वह हर वर्ष डीएसी को एक करोड़ रुपये की राशि का दान देंगे जो उनकी मृत्यु के बाद भी मिलती रहेगी।

अली ने कहा, हर वर्ष संस्थान को एक करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि का मेरी मृत्यु के बाद भी मिलना जारी रहेगी। मैं अपनी टीम को निर्देश दूंगा और वह सभी कागजी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी। हर वर्ष के जनवरी में संस्थान के पास राशि पहुंच जाएगी।
डीएसी के कार्यकारी निदेशक गोपीनाथ मुथुकड ने सोशल मीडिया पोस्ट में कारोबारी के सराहनीय कदम और मृत्यु के बाद भी दान जारी रखने के उनके वादे की प्रशंसा की।
‘लुलु ग्रुप इंटरनेशनल’ के पास दुनिया भर में लुलु हाइपरमार्केट श्रृंखला और लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल का स्वामित्व है।

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