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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ विश्वविद्यालय में एमबीए के छात्रों को अब अयोध्या का पाठ भी पढ़ाया जायेगा.विवि के व्यापार प्रशासन विभाग में छात्रों को अब एमबीए में अयोध्या के परिवर्तन टॉपिक भी प्रभु श्रीराम का इतिहास बताया जायेगा जो अयोध्या से जुड़ा है. इसके जरिए स्टूडेंट प्रबंधन के लिहाज से अयोध्या के वास्तविक समय परिवर्तन का अध्ययन करेंगे. एमबीए के चौथे सेमेस्टर में अगले सत्र से ‘इनोवेशन ऐंड डिजाइन थिंकिंग’ में चार क्रेडिट का यह टॉपिक पढ़ाया जाएगा. अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन होने जा रहे हैं. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर शामिल होंगे. इस आयोजन को लेकर अयोध्या में बड़े स्तर पर विकास योजनाओं को संचालित किया गया है.एमबीए के छात्रों के लिए यह एक केस स्टडी के तौर पर बन गया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इस पाठ्यक्रम के जरिए स्टूडेंट्स को अयोध्या को अच्छे से समझने का मौका भी मिलेगा. पाठ्यक्रम में अयोध्या के निवासियों के साथ संवाद करने और प्रक्रिया का विश्लेषण करने के लिए इंटर्नशिप भी शामिल किया गया है. इस कोर्स का मकसद एक प्राचीन शहर से एक आधुनिक तीर्थस्थल में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन करना है.
भाषा विश्वविद्यालय में इन दिनों रामायण पर भी शोध हो रहा है। वीसी ने बताया कि डॉ. जफरून नकी उर्दू में रामायण का अनुवाद कर रहे हैं. इस तरह डॉ. जमाल शब्बीर रिजवी श्रीमद्भगवत गीता के उर्दू अनुवाद का तुलनात्मक अध्ययन कर रहे हैं. वहीं, इतिहास विभाग के डॉ. लक्ष्मण सिंह वाल्मीकि रामायण की लोक जीवन की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर शोध कर रहे हैं.