यौन शोषण के आरोपों से घिरे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं क्योंकि हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन और खाप जहां प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में उतर आये हैं वहीं भाजपा ने भी बृजभूषण को चेतावनी दी है कि वह अनर्गल बयानबाजी से बचें। इसके अलावा भारत में पहली बार क्रिकेट विश्व कप लाने वाली टीम भी आज पहलवानों के समर्थन में उतर आई। साथ ही अयोध्या में रैली के जरिये अपनी ताकत दिखाने जा रहे बृजभूषण शरण सिंह की रैली की अनुमति भी रद्द कर दी गयी है। देखा जाये तो जिस तरह बृजभूषण पर चौतरफा दबाव बन रहा है उसको देखते हुए उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं भी प्रबल हो रही हैं।
खाप महापंचायत का फैसला
जहां तक विभिन्न खापों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक की बात है तो आपको बता दें कि इसमें फैसला लिया गया है कि पहलवानों के मुद्दे से संबंधित मामले का सरकार बातचीत से समाधान करे, बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी करवाये अन्यथा 9 जून को पहलवानों के साथ जंतर मंतर पर धरना होगा और पूरे देश में किसान पंचायत करेंगे। हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में ‘‘खाप महापंचायत’’ की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह बात संवाददताओं से कही।
हम आपको बता दें कि विभिन्न खापों और किसान संगठनों के प्रतिनिधि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों से ‘जाट धर्मशाला’ पहुंचे। ‘‘महापंचायत’’ के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवान देश का गौरव हैं और वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। टिकैत ने कहा कि वे कुरुक्षेत्र में बैठक कर रहे हैं, जबकि कई संगठन और खाप ‘‘देश की बेटियों के साथ हो रहे अन्याय’’ के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी पहलवानों की उचित मांगों के आगे सरकार को ‘‘झुकना’’ पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं और पुलिस को उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भी सप्ताहांत में दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ किये गये व्यवहार की निंदा की है। टिकैत ने कहा कि भले ही बृजभूषण शरण सिंह ‘‘अलग-अलग बयान दे रहे हैं लेकिन इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।’’
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1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम का समर्थन
इस बीच, प्रदर्शनकारी पहलवानों का हौसला आज तब और बढ़ गया जब 1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों ने पहलवानों के समर्थन में उतरते हुए उनसे आनन फानन में कोई फैसला नहीं लेने का अनुरोध किया और उम्मीद जताई कि उनके मसलों को सुना जायेगा और उसका हल निकाला जायेगा। एक संयुक्त बयान में 1983 विश्व कप विजेता टीम ने कहा कि वे चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा।
1983 विश्व कप विजेता टीम ने एक बयान में कहा कि हम चैम्पियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं।’’ उन्होंने आगे लिखा कि इन पदकों के पीछे बरसों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है। वे उनका ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन फानन में फैसला नहीं ले और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जायेंगी और उनका हल निकाला जायेगा। कानून को अपना काम करने दीजिये।’’ हम आपको याद दिला दें कि कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप 1983 जीतने वाली टीम में सुनील गावस्कर, मोहिदर अमरनाथ, के श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद और रोजर बिन्नी थे। कपिल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर कुछ नहीं कहूंगा। 1983 की पूरी टीम का समर्थन उस बयान को है जो हमने जारी किया है।’’ इससे पहले अनिल कुंबले, रॉबिन उथप्पा और इरफान पठान जैसे पूर्व क्रिकेटरों ने भी पहलवानों का समर्थन किया था। सक्रिय क्रिकेटरों ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है। इसके अलावा, भालाफेंक में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिये पहला पदक जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी नाराजगी जताई थी कि पहलवानों को इंसाफ के लिये सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
अयोध्या रैली रद्द
दूसरी ओर, अयोध्या जिला प्रशासन ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अयोध्या के राम कथा पार्क में पांच जून को संत सम्मेलन के आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी (अयोध्या) एसपी गौतम ने कहा कि पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों के मद्देनजर बृजभूषण की ओर से भाजपा पार्षद चमेला देवी के माध्यम से मांगी गई अनुमति को नामंजूर कर दिया गया है। वहीं, बृजभूषण ने फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा कि वह पांच जून को होने वाली ‘जन चेतना महारैली’ को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं, क्योंकि पुलिस पहलवानों द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है। बाद में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रैली को सुरक्षा कारणों से स्थगित किया गया है।
बृजभूषण शरण सिंह की प्रतिक्रिया
वहीं, बृजभूषण ने फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा कि वह पांच जून को होने वाली ‘जन चेतना महारैली’ को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं, क्योंकि पुलिस पहलवानों द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, “मेरे प्यारे शुभचिंतकों! आपके समर्थन से मैं पिछले 28 वर्षों से लोकसभा सांसद के रूप में सेवाएं दे रहा हूं। मैंने सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं।” बृजभूषण ने लिखा, “वर्तमान स्थिति में कुछ राजनीतिक दल विभिन्न स्थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।” संतों की बैठक आयोजित करने के फैसले की वजह बताते हुए भाजपा सांसद ने कहा, “पूरे समाज में फैली बुराई पर विचार करने के लिए पांच जून को अयोध्या में एक ‘संत सम्मेलन’ आयोजित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब चूंकि पुलिस (पहलवानों द्वारा लगाए गए) आरोपों की जांच कर रही है, और उच्चतम न्यायालय के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए पांच जून को प्रस्तावित ‘जन चेतना महारैली’ और ‘अयोध्या चलो’ कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है।” बृजभूषण ने कहा, “सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लाखों समर्थकों और शुभचिंतकों ने विनम्र तरीके से मेरा समर्थन किया है। इसलिए, मैं सबका आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाता हूं कि मैं और मेरा परिवार हमेशा आपका कर्जदार रहेगा।”
मालूम हो कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है। ये सभी पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने गए थे, लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालांकि, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपनी मांगें मानने के लिए पांच दिन का समय दिया है। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है। वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं।