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BJP की नर्सरी से निकले कैप्टन Abhimanyu पर शीर्ष नेतृत्व का भरोसा कायम, हरियाणा में पार्टी को खड़ा करने में निभा चुके हैं अहम भूमिका

हरियाणा में चुनाव की घोषणा होने के साथ ही सभी राजनैतिक दलों की नजरें अपने प्रमुख नेताओं पर टिक गई हैं। राज्य के उन्हीं प्रमुख नेताओं में शुमार हैं, हिसार जिले की नारनौंद विधानसभा से विधायक और कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सिंधु। हरियाणा की सियासत में कैप्टन अभिमन्यु के रूतबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी की अगुवाई वाली पहली सरकार में इनके पास वित्त, राजस्व, आबकारी एवं कराधान जैसे 8 अहम विभागों की जिम्मेदारी थी। अभिमन्यु सेना के जरिए देश की सेवा करते हुए सियासत में आए। वह यूपीएससी में भी चुने गए थे। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन किया।
हिसार जिले के गांव खांडा खेड़ी में 1967 में जन्में कैप्टन अभिमन्यु ज़मीन से जुड़े हुए ऐसे नेता हैं जो प्रगतिशील, सकारात्मक और व्यावहारिक हैं और नई पीढ़ी की राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं। लगभग 6 वर्ष तक भारतीय सेना में सेवा करने और पहले ही प्रयास में सन् 1994 में देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा को क्वालीफाई करने के बावजूद इन्होंने अपने आपको जनता की सेवा के महान कार्य के प्रति समर्पित कर दिया। सन् 2003 में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में भाजपा जुड़ गए और खुद के सफल व्यवसाय को तिलांजलि दे दी तथा अपना संपूर्ण जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। 
सेना से व्यापार, सामाजिक गतिविधियों से एक पत्रकार के रूप में मीडिया, खेल-कूद प्रशासन से एक शिक्षाविद् और अब पूर्णकालिक राजनीतिक सक्रिय कार्यकर्ता तक विभिन्न क्षेत्रों में 30 वर्ष से अधिक का कार्य अनुभव रखते हुए, वह एक विशेष व्यक्ति हैं जिन्होंने एक दिन के लिये भी कुर्सी पर काबिज हुए बिना प्रतिष्ठित सिविल सेवा की नौकरी से मुंह मोड़ लिया। सिंधु भाजपा पार्टी के कई प्रमुख पदों पर कार्य कर चुकी हैं, जिनमें राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय महासचिव, हरियाणा में महासचिव, पंजाब राज्य की प्रभारी और भारतीय आम चुनाव, 2014 के दौरान उत्तर प्रदेश अभियान की सह-प्रभारी शामिल हैं । 
2014 में, उन्होंने हरियाणा विधानसभा क्षेत्र के नारनौंद से भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधान सभा सदस्य के पद के लिए चुनाव जीता था। वर्ष 2007-2009 के दौरान कैप्टन अभिमन्यु ने कई नवाचारपरक प्रचार अभियानों जिसे दीनबंधु प्रेरणा रैली, जल अधिकार रैली, बिजली खोज रैली, विजय संकल्प यात्रा, प्रजातंत्र बचाओ रैली, रामसेतु आंदोलन, झज्जर विजय संकल्प रैली को प्रत्ययात्मक रूप प्रदान किया एवं संचालन किया। उनकी नवाचार विचारधारा और रैलियों आदि ने भाजपा के सर्वोच्च नेतृत्व का ध्यान आकर्षित किया और इनको राजनाथ सिंह, नरेन्द्र मोदी, वैंकेया नायडू, सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान, डॉ. रमन सिंह और मुरली मनोहर जोशी ने सम्बोधित किया। इन्हें वर्ष 2004-2005 के बीच एक वर्ष की अवधि के भीतर झज्जर और रोहतक में भारत के सबसे सम्मानीय प्रधानमंत्रियों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी की दो रैलियों को आयोजित करने का एक अद्वितीय अवसर मिला।

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