गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दावा किया कि उत्तर प्रदेश में नौकरी और रोजगार की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि युवा अपनी दिलचस्प के मुताबिक क्षेत्र का चयन कर खुद को प्रशिक्षण से जोड़कर तैयार करें और सरकार उनके रोजगार और नौकरी की गारंटी लेगी।
आदित्यनाथ रविवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित रोजगार मेला एवं सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण तथा स्वरोजगार के लिए 500 करोड़ रुपये के ऋण वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में नौकरी व रोजगार की कोई कमी नहीं है। युवा अपनी अभिरुचि के अनुसार क्षेत्र का चयन करके खुद को प्रशिक्षण से जोड़कर तैयार करें। उनके रोजगार व नौकरी की गारंटी सरकार लेगी।’’
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, श्रम एवं सेवायोजन विभाग एवं राजकीय आईटीआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जब हर हाथ को काम, हर खेत को पानी का नारा दिया था तब लोग इसे पूरा हो पाना असंभव मानते थे। मगर 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने इसे हकीकत में बदल दिया है। डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव हर हाथ को काम उपलब्ध करा रही है।’’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘‘मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, मुद्रा योजना, विश्वकर्मा’’ योजनाओं के जरिये देश में युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार की ढेरों संभावनाओं को आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि वृहद रोजगार मेले में आए जिन युवाओं को किसी कारणवश रोजगार नहीं मिल पाएगा, उन्हें ‘पीएम-सीएम इंटर्नशिप’ योजना से जोड़ा जाएगा। इन युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ मानदेय भी दिया जाएगा। मानदेय का आधा हिस्सा सरकार और आधा हिस्सा संबंधित औद्योगिक इकाई देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में निवेश नहीं आता था। अब 38 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जब ये निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरेंगे तो 1.10 करोड़ युवाओं को नौकरी व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि अगर उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षण प्राप्त हो जाए तो उत्तर प्रदेश के युवाओं को अपने जिले में ही रोजगार मिल जाएगा।
आदित्यनाथ ने कहा कि ‘‘उत्तर प्रदेश में जब पारंपरिक शिल्प व उद्योगों को ऊंचाई देने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना शुरू की गई तो लोग ऐसे शिल्प-उद्योगों को मरा हुआ कहते थे। वास्तव में ऐसा समझने वालों की सोच मरी हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार ने जब पूर्वजों की जीवंत धरोहर इन उद्योगों को टेक्नोलॉजी, ब्रांडिंग और मार्केटिंग से जोड़ा तो लॉकडाउन में इस क्षेत्र में 40 लाख लोगों को रोजगार दिया गया। लॉकडाउन में सरकार ने लोगों को दूसरे राज्यों से सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया और रोजगार भी दिया। घर लौटा उत्तर प्रदेश का आदमी यहीं काम कर राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जितने प्रतिशत लोग दूसरे राज्यों से लौटे, उतने ही प्रतिशत अर्थव्यवस्था बढ़ी है जबकि जिन राज्यों से वे आए, वहां अर्थव्यवस्था पर उतने ही प्रतिशत नकारात्मक असर पड़ा है।