बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक करीबी सहयोगी ने शनिवार को पुष्टि की कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख को ‘इंडिया’ गठबंधन का संयोजक बनाने का ‘प्रस्ताव’ डिजिटल माध्यम से हुए गठबंधन नेताओं की बैठक में आया था।
जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने कहा कि कुमार ने इस पेशकश को अभी तक मंजूरी नहीं दी है, जिस पर पार्टी के अंदर चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह दावा भी किया कि बिहार के मुख्यमंत्री कांग्रेस के किसी नेता के अध्यक्ष बनने के पक्ष में हैं।
मुख्यमंत्री आवास के बाहर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा तो झा ने कहा, ‘‘हां, एक प्रस्ताव आया था।’’ वह गठबंधन की सभी बैठकों में कुमार के साथ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने अब तक इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी नहीं दी है।
हम पार्टी के भीतर इस विषय पर चर्चा करने के बाद आपको बताएंगे।’’
जद(यू) नेता ने इस दावे को खारिज कर दिया कि कुमार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का अध्यक्ष बनाने के सैद्धांतिक फैसले से नाराज थे।
झा ने दावा किया, ‘‘इसके उलट, यह हमारे माननीय मुख्यमंत्री ही थे, जिन्होंने स्वयं कांग्रेस से किसी को गठबंधन का नेतृत्व करने का सुझाव दिया था।’’
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी गठबंधन में हुए घटनाक्रम को लेकर उसपर तंज कसा।
‘इंडिया’ गठबंधन का गठन केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के विरोधी दलों को पिछले साल एक साथ लाने के कुमार के प्रयासों के बाद हुआ था।
पटना साहिब से सांसद प्रसाद ने कहा, ‘‘नीतीश बाबू ने मुझे उर्दू की पंक्ति ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले’ की याद दिला दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में, किसने इंकार किया, किन्हें इकरार किया, किसने तकरार किया, इसकी जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाए। उनके (‘इंडिया’ गठबंधन के) अगली सरकार बनाने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है। लेकिन हितों के बड़े टकराव को देखिए।