केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि यह गुजरात सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है कि ‘बिपारजॉय’ चक्रवात के कारण कोई जनहानि नहीं हुई।
उन्होंने कच्छ जिले के मुख्यालय भुज में पत्रकारों से कहा कि 20 जून तक प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1,600 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है और जूनागढ़ और पोरबंदर जिलों में यह पूरी तरह से बहाल की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही फसलों, बागों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं को हुए नुकसान का जायजा लेकर राहत पैकेज की घोषणा करेगी।
शाह ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम करते हुए सफलतापूर्वक चक्रवात का सामना किया।
उन्होंने कहा, “हम इस बात पर संतोष व्यक्त कर सकते हैं कि 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आए चक्रवात से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।”
उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण केवल 47 लोग घायल हुए। हालांकि 234 मवेशियों की मौत हो गई।चक्रवात बृहस्पतिवार शाम जखौ बंदरगाह के निकट तट से टकराया था और यह कच्छ तथा सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही के निशान छोड़ गया है। चक्रवात के टकराने के दौरान 147 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चली थीं।
शाह ने कच्छ जिले में चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
उन्होंने मांडवी शहर के एक अस्पताल में घायल लोगों से मुलाकात की और किसानों तथा एनडीआरएफ व बीएसएफ के कर्मियों से भी बातचीत की।
शाह एक हेलीकॉप्टर से कच्छ जिला मुख्यालय भुज पहुंचे और जखौ का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां बृहस्पतिवार की रात शक्तिशाली चक्रवात ने कहर बरपाया था। उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी थे।
शाह मांडवी उप-जिला अस्पताल पहुंचे और तटीय गांवों से लाए गए घायल लोगों और गर्भवती महिलाओं से मुलाकात की।
शाह फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मांडवी के पास एक खेत में पहुंचे और किसानों से बातचीत की।उन्होंने मांडवी हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों से मुलाकात की, जो राहत और बचाव कार्यों में शामिल थे।
केंद्रीय गृह मंत्री वापस भुज गए और चक्रवात के बाद की स्थिति पर चर्चा की।
चक्रवात के दौरान चली तेज हवाओं के कारण बिजली के खंभे उखड़ जाने से कई कस्बों और सैकड़ों गांवों की बिजली कट गई।
सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि 1,09,000 लोगों को तटीय क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया, जिनमें 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक और 1,152 गर्भवती महिलाएं थीं।