रंगभेद के विरुद्ध लंबा संघर्ष करने वाले दक्षिण अफ्रीका के नेता नेल्सन मंडेला और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विचारधारा समान थी और दोनों ही महान नेताओं ने अपना जीवन लोगों की भलाई में लगा दिया। यह बात मंडेला पर आधारित एक पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में कही गई।
‘नेल्सन मंडेला: ए कंप्लीट बायोग्राफी’ नामक पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के अफ्रीकी अध्ययन विभाग के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मंडेला समानता के अधिकार में विश्वास करते थे और दक्षिण अफ्रीका में लोगों की आजीविका में सुधार करना चाहते थे। उन्होंने नेल्सन मंडेला को संवैधानिक अधिकारों के वास्ते खड़े होने के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
इस अवसर पर यशोदा अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) डॉ. सुनील डागर ने नेल्सन मंडेला और महात्मा गांधी के बीच समानता की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि मंडेला और गांधी दोनों की विचारधारा समान थी, वे हर व्यक्ति के लिए समान अवसर चाहते थे। उन्होंने कहा कि दोनों ने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए काम करने में लगा दिया।
पुस्तक के लेखक डॉ. गौरव गुप्ता ने उम्मीद जताई कि उनकी इस कृति से पाठक मंडेला के जीवन और आर्दशों से प्रेरणा प्राप्त कर सकेंगे।
कार्यक्रम में फलस्तीन, हंगरी, युगांडा, गांबिया, दक्षिण सूडान, वियतनाम सहित विभिन्न देशों के राजनयिकों ने मंडेला पर लिखी इस जीवनी का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।
यशोदा अस्पताल की अंतरराष्ट्रीय विपणन प्रमुख ज्योति कौर ने नेल्सन मंडेला के जीवन और 60 से अधिक वर्षों तक सामाजिक न्याय के लिए उनके प्रयास एवं साहस की सराहना की।
मंडेला के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर ग्लोबल ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल ऑफ इंडिया (जीटीसीआई) ने यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया।