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भारत की इन 7 Special Forces के बारे में कितना जानते हैं आप, दुश्मनों को धूल चटाने में हासिल है महारत

भारत पर जब भी दुश्मन देश का खतरा बढ़ा, हमारी सेना फौलाद की तरह खड़ा रही। यही कारण है कि अनेक मौकों पर भारतीय सेना ने दुश्मनों की चाल को विफल करने में सफलता पाई है। हजारों तकलीफों के बावजूद हमारी सेना खुद को मजबूत रखती है और दुनिया में भारत को एक सुरक्षित और बेहतर राष्ट्र के तौर पर स्थापित भी करती है। देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमारे हजारों  सुरक्षाबलों ने अपना बलिदान दिया है। आज भी उनके बलिदान को याद कर हमारी आंखों में पानी आ जाती है। भारत में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स जैसी तीन प्रमुख सेनाएं अपनी सेवाएं देती हैं। हमारी तीनों सेनाओं की दुनिया में अपनी अलग ताकत है। हालांकि, इन तीनों सेनाओं में कई अलग-अलग स्पेशल फोर्सेज भी हैं। आज हम आपको भारत की उन 8 स्पेशल फोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका नाम सुनकर दुश्मनों के होश उड़ जाते हैं। इनके कारनामे और जांबाजी के किस्से सुनकर आप भी अपनी सेना पर गर्व करेंगे। 
 

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MARCOS
अमेरिका के मरीन नेवी सील के बारे में आपने बहुत सुना होगा। आज हम आपको अपने देश के मरीन कमांडो के बारे में बताते हैं। इन्हें मार्कोस कहा जाता है। भारत की सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्स में यह शामिल है। भारतीय नौसेना द्वारा 1987 में MARCOS (समुद्री कमांडो) का गठन प्रत्यक्ष कार्रवाई, विशेष टोही, उभयचर युद्ध और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए किया गया था। मार्कोस का प्रशिक्षण दुनिया में सबसे कड़ा है जिसमें कमांडो का शारीरिक और मानसिक परीक्षण किया जाता है।
 
National Security Guard
एनएससी का गठन साल 1986 में हुआ था। इनमें भारत के सबसे प्रशिक्षित कमांडोज को शामिल किया जाता है। यह भारत का प्रमुख आतंकवाद विरोधी बल है। एनएसजी देश के वीआइपी लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें भारतीय सेना और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स दोनों के ही जवान शामिल होते हैं। इन्हें युद्ध के हिसाब से तैयार भी किया जाता है। साथ ही साथ इन्हें सबसे खास हथियार प्रदान किए जाते हैं। इसका सेलेक्शन प्रोसेस भी काफी कठिन होता है। 70 से 80 प्रतिशत लोगों को रिजेक्ट कर दिया जाता है। देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को आतंकवादी खतरों से दूर रखना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है। 
Garud Commando Force
गरुड़ कमांडो फोर्स की चर्चा हमने खूब सुनी होगी। गरुड़ कमांडो फोर्स एयर फोर्स की खास यूनिट है जिसमें 2000 कमांडो शामिल होते हैं। इन्हें स्पेशल ऑपरेशंस के लिए लगाया जाता है। 2004 में भारतीय वायुसेना द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। गरुड़ में शामिल होने के लिए जो प्रशिक्षण है वह फिलहाल सबसे लंबा है। इसके लिए लगभग 3 साल का वक्त लग जाता है। हवा से जुड़े ऑपरेशन, हवा से जमीन पर उतर कर लड़ाई और रेस्क्यू करने में इन्हें महारत हासिल होती है। इनकी ट्रेनिंग भी बहुत ही मुश्किल होती है।
Ghatak Force
जिसके नाम में ही घातक है, उसका काम कैसा होगा, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। अचानक से दुश्मन पर हमला करना, इनकी विशेष खूबी होती है। इनका पहला काम ही दुश्मनों पर घात लगाकर हमला करना है। यह पूरी तरह से शारीरिक रूप से फिट और सबसे ज्यादा प्रशिक्षित सैनिक होते हैं। मार्शल आर्ट्स, पहाड़ पर चढ़ना तथा दुश्मनों के हथियारों और बंकरों को नष्ट करने में उन्हें महारत हासिल होती है। 
commando Battalion for Resolute Action
कोबरा भारत की इकलौती यूनिट जिसे गोरिल्ला वारफेयर की ट्रेनिंग दी जाती है। देश में नक्सलवाद का मुकाबला करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने यह खास इकाई बनाई थी। भारत में कई नक्सली समूह को हटाने में कोबरा की भूमिका सराहनीय रही है। यह जंगलों में आसानी से घूम सकते हैं और दुश्मनों को भांप सकते हैं। 
Special Frontier Force
1962 में भारतीय सेना ने एक स्पेशल फोर्स के रूप में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स को खड़ा किया था। इनका मुख्य उद्देश्य चीन के साथ एक और युद्ध की स्थिति में गुप्त संचालन करना है। यह भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के तहत भी काम करते हैं। यह सुरक्षा महानिदेशालय के जरिए सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। 
 

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Para SF
पैरा (विशेष बल) जिसे पैरा एसएफ के रूप में भी जाना जाता है। पैरा एसएफ (विशेष बल) को भारतीय सेना द्वारा 1966 के वर्ष में बनाया गया था। इनकी ट्रेनिंग काफी कठिन मानी जाती है। इसमें उन्हीं जवानों को शामिल किया जाता है जो मानसिक तौर पर पूरी तरीके से फिट हो तथा मोटिवेटेड और समझदार भी हो। 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में इनकी भूमिका काफी अहम रही थी। इसके अलावा कारगिल युद्ध में भी यह महत्वपूर्ण साबित हुए थे। आतंकवाद रोधी अभियान तथा अपरंपरागत युद्ध में इन्हें महारत हासिल होती है।  

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