कोलकाता पुलिस द्वारा लाखों रुपये की नकदी के साथ गिरफ्तार किये गये झारखंड कांग्रेस के सिमडेगा से निलंबित विधायक नमन बिक्सल कोंगारी ने भी मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा और मंगलवार को निर्धारित समय पर वह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए।
कांग्रेस के निलंबित विधायक कोंगारी के वकील ने आज तय समय पर ईडी के दफ्तर में पेश होकर आरोपी विधायक की पेशी के लिए दो सप्ताह का और समय मांगा।
इससे पहले इसी मामले में जांच के दायरे में आये खिजरी सीट से कांग्रेस के एक अन्य निलंबित विधायक राजेश कच्छप ने सोमवार को पूर्व निर्धारित व्यस्तताओं का हवाला देते हुए ईडी के सामने पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था। जबकि 13 जनवरी को इस मामले के तीसरे आरोपी कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने भी ईडी से पेशी के लिए और समय की मांग की थी।
जब ईडी ने 13 जनवरी को जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी को पूछताछ के लिए बुलाया था तो वह भी केंद्रीय एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे और बीमारी की बात कहते हुए कुछ और समय की गुहार एजेंसी से लगाई थी।
तीनों विधायकों को कांग्रेस ने नकदी के साथ पकड़े जाने के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया था।
इस बीच कोलेबिरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक कोंगारी ने कहा, ‘‘मैंने प्रवर्तन निदेशालय से दो सप्ताह का समय मांगा है। शनिवार को समन प्राप्त हुआ था और ईडी ने बैंक विवरण और अन्य जानकारी मांगी थी, जिसे जल्दी से व्यवस्थित नहीं किया जा सका।’’
कांग्रेस विधायक कोंगारी ने यह भी कहा, ‘‘मुझे ईमेल चलाने नहीं आता है हालांकि मेरा अपना एक ईमेल आईडी है।’’
उनके वकील चंद्र भानु सिंह ने प्रेस को बताया कि कोंगारी का सेल फोन पश्चिम बंगाल पुलिस ने जब्त कर लिया था और उनके पास ईमेल देखने का कोई साधन नहीं था।
तीनों विधायकों का मामला देख रहे सिंह ने मंगलवार को ईडी कार्यालय पहुंच कर कोंगारी की उपस्थिति के लिए दो सप्ताह का और समय मांगा। उन्होंने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि दो सप्ताह का समय देने का फैसला केवल वरिष्ठ अधिकारी ही ले सकते हैं।
कोंगारी समेत तीनों कांग्रेस विधायकों को प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता पुलिस के हाथों उनकी कार से नकदी बरामदगी के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया है। तीनों विधायकों को पिछले साल जुलाई में हावड़ा जिले में 49 लाख रुपये नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
इससे पूर्व ईडी ने 24 दिसंबर को इस मामले में कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि झारखंड में झामुमो की अगुवाई वाली हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के लिए तीन विधायकों ने उन्हें 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश की थी।
सिंह ने दावा किया था कि उन्हें आरोपी के तौर पर नहीं बल्कि मामले में शिकायतकर्ता के तौर पर एजेंसी ने बुलाया था।
प्रवर्तन निदेशालय इस मामले के धनशोधन के पहलू की जांच कर रही है।