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1947 के बाद से नहीं हुआ ऐसा, राहुल की सजा पर बोले थरूर, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- गलती भी करो और फिर सीनाजोरी भी करो

कांग्रेस ने मोदी सरनेम वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह निर्णय कानूनी रूप से गलत है और वह इसके विरूद्ध बहुत जल्द उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। वहीं तिरुवनंतपुरम से सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मैं वास्तव में इस फैसले से निराश हूं। 1947 के बाद से हमारे देश में किसी को भी आपराधिक मानहानि के मामले में 2 साल की सजा नहीं दी गई है। कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी। यह हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। 

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गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा ‘मोदी सरनेम’ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका खारिज करने पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि  ये(राहुल गांधी) खुदको कानून से ऊपर मानते हैं। आप गलती भी करो और फिर सीनाजोरी भी करो। आपको लगता है कि आप बड़े परिवार के लोग हो, आप कुछ भी कर सकते हैं लेकिन अदालत इसकी मंजूरी नहीं देती है।

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बता दें कि  गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 

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