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इस वर्ष मानसून का मौसम समाप्त, ‘सामान्य के करीब’ बारिश दर्ज की गई

इस वर्ष मानसून का मौसम समाप्त हो गया है और चार महीने के इस मौसम में भारत में ‘सामान्य के करीब’ बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
विभाग ने बताया कि बारिश का दीर्घकालिक औसत 868.6 मिलीमीटर (मिमी) रहा है। इस बार यह आंकड़ा 820 मिमी का रहा।
विभाग ने बताया कि सकारात्मक कारकों के कारण अल नीनो देश में मानसून की बारिश को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर सका।
दीर्घकालिक औसत (एलपीए) के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है। भारतीय मानसून विभिन्न प्राकृतिक कारकों के कारण समय के साथ होने वाले अंतर्निहित उतार-चढ़ाव और बदलावों को संदर्भित करता है।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अल नीनो के प्रभाव का मुकाबला करने वाले सकारात्मक कारकों के साथ, 2023 का मानसून 94.4 प्रतिशत बारिश दर्ज करने के साथ समाप्त हुआ, जिसे ‘‘सामान्य के करीब’’ माना जाता है।
पूरे देश में मासिक बारिश जून में एलपीए का 91 प्रतिशत, जुलाई में 113 प्रतिशत, अगस्त में 64 प्रतिशत और सितंबर में 113 प्रतिशत रही।
महापात्र ने कहा, ‘‘मौसम संबंधी 36 उपविभागों में से तीन (कुल क्षेत्रफल का नौ प्रतिशत) में अधिक बारिश हुई, 26 में सामान्य बारिश हुई (कुल क्षेत्रफल का 73 प्रतिशत) और सात में कम बारिश हुई। कम बारिश वाले सात उपखंडों में नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल शामिल हैं।’’

मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य 1,367.3 मिमी की तुलना में 1,115 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 18 प्रतिशत कम है।
उसने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में दीर्घकालिक औसत 587.6 मिमी के मुकाबले 593 मिमी बारिश दर्ज की गई। मध्य भारत में सामान्य बारिश 978 मिमी के मुकाबले 981.7 मिमी दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीप में आठ प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
उसने कहा कि विभाग ने भारत के लिए सामान्य मानसून का अनुमान जताया था, भले ही यह सामान्य से कम हो। इसने हालांकि आगाह किया था कि अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) दक्षिण पश्चिम मानसून के उत्तरार्ध को प्रभावित कर सकता है।
अल नीनो की स्थिति भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी है।


अगस्त 2023, 1901 के बाद से सबसे शुष्क महीना और भारत में अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया था, जिसका कारण अल नीनो की स्थिति को मजबूत करना है। कई निम्न दबाव प्रणालियों और ‘मैडेन-जूलियन ऑसीलेशन’ (एमजेओ) के सकारात्मक चरण के कारण सितंबर में अधिक बारिश हुई थी।
एमजेओ एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनियाभर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है।

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