संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन के अंतिम दिन मंगलवार को किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न मांगों के सिलसिले में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलेंगे। एक किसान नेता ने यह जानकारी दी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने के लिए रविवार को बड़ी संख्या में किसान मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए।
किसान अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवार के लिए मुआवजा और किसी एक सदस्य के लिए नौकरी, कर्ज माफी तथा पेंशन की मांग कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा विभिन्न किसान संघों का समूह है।
यहां मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि उनके नेता मंगलवार को राज्यपाल पुरोहित से मिलेंगे।
कादियान ने कहा, “हम मंगलवार सुबह 11 बजे राज्यपाल को अपना ज्ञापन देंगे।”
किसान नेताओं ने आगे कहा कि एसकेएम की अगली कार्रवाई मंगलवार को तय की जाएगी।
कादियान ने कहा कि उन्हें अपनी राज्य संबंधी मांगों के संबंध में पंजाब सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि वे पहले ही प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत करा चुके हैं।
किसान जुलाई और अगस्त में बाढ़ से हुई फसल क्षति का मुआवजा देने, मक्का, मूंग, गन्ना जैसी फसलों को सुनिश्चित मूल्य पर खरीदने, 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य देने, बकाया गन्ना भुगतान जारी करने और पराली जलाने के लिये किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि पूरे देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है।
उन्होंने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने पर जोर देते हुए कहा कि कई राज्यों में किसानों को उनकी फसलों का सुनिश्चित मूल्य नहीं मिल रहा है।कर्ज माफी की मांग करते हुए किसान नेता ने कहा कि देश में किसानों पर 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
विरोध प्रदर्शन के कारण भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और कुछ सड़कों पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया था।
हरियाणा के किसान भी पंचकूला के सेक्टर-5 में एकत्र हुए, जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।