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प्रवासी श्रमिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन में लगने वाला समय और लागत कम किया जाना चाहिये : Ramesh

नयी दिल्ली । कांग्रेस ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में अपने परिवारों को पैसा भेजने में लगने वाले समय और लागत में कमी लाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने विदेशों से पैसा भेजने में समय और लागत कम करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान का स्वागत करते हुए यह बात कही। रमेश ने कहा, ‘‘आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बहुत सही तरीके से धन प्रेषण की लागत और समय कम करने पर जोर दिया है। विदेशों में रहने वाले भारतीयों से हमारी अर्थव्यवस्था में इस वर्ष लगभग 124 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश होगा, जिससे वे सेवा निर्यात के बाद बाह्य वित्तपोषण का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बन जाएंगे।’’ 
कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उसी समय यह भी याद किया जाना चाहिए कि 10 भारतीयों में से तीन किसी न किसी प्रकार से आंतरिक प्रवासी हैं। इसलिए आंतरिक प्रेषण के समय और लागत को कम करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए जो एक राज्य में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों द्वारा अपनी बचत की रकम को दूसरे राज्यों में रह रहे अपने परिवारों को भेजना शामिल है।’’ उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि आंतरिक प्रेषण पर सही तरीके से आंकड़े नहीं जुटाए गए। 
रमेश ने कहा कि कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि इस तरह के अंतरराज्यीय प्रेषण विदेश से प्रेषित इस तरह के धन का दसवां हिस्सा हो सकते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ वर्ष पहले किए गए एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि केरल से अन्य राज्यों को भेजी जाने वाली धनराशि, दक्षिणी राज्य को अन्य देशों से प्राप्त होने वाली धनराशि का लगभग एक तिहाई है। उन्होंने कहा कि ऐसी आय का आधे से भी कम हिस्सा औपचारिक संस्थागत चैनलों के माध्यम से प्राप्त होता है। 
दास ने सोमवार को विदेश भेजे जाने वाले धन में लगने वाले समय और लागत को कम करने की वकालत की, जो भारत सहित विभिन्न विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) द्वारा जारी विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 के अनुसार, पिछले वर्ष भारत का धन प्रेषण अन्य सभी देशों से बढ़कर 111 अरब डॉलर हो गया। बैंक ऑफ इंग्लैंड के अनुमान के अनुसार, वैश्विक सीमा पार भुगतान का मूल्य 2027 तक 250 लाख करोड़ डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। दास ने कहा कि सीमा पार श्रमिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन की महत्वपूर्ण मात्रा, पूंजी के सकल प्रवाह का बढ़ता आकार और सीमा पार ई-कॉमर्स के बढ़ते महत्व ने इस वृद्धि में उत्प्रेरक का काम किया है।

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