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बंगाल में केंद्रीय दलों के दौरे को लेकर टीएमसी-भाजपा में वाक युद्ध

प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत घरों के आवंटन में अनियमितताओं की शिकायतों को देखने के लिए केंद्रीय दलों के पश्चिम बंगाल का दौरा करने को लेकर बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी के बीच ज़बानी जंग छिड़ गई।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर कोष देने से इनकार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ‘मामूली मामलों’ पर अधिकारियों को जांच करने के लिए भेज देते हैं।

टीएमसी ने मालदा और पूर्व मिदनापुर जिलों में केंद्रीय दलों के दौरे को भाजपा नीत केंद्र सरकार का ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया जबकि प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया कि पीएमएवाई में घोटाला हुआ है जिस वजह से केंद्र ने राज्य में दल भेजे हैं।
आरोप है कि कुछ जिलों में ऐसे लोगों के आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है जिनके पास बहुमंजिला घर हैं। इसके बाद से बीते कुछ दिनों में राज्य में पीएमएवाई योजना में कथित अनियमितता को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने केंद्रीय दलों के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ केंद्र छोटे-छोटे मसलों पर बंगाल में टीम भेज देता है- यहां कोई पटाखा फूटने की घटना हो जाए तो भी वह दल भेज देते हैं।”
राज्य को मनरेगा के तहत कोष का भुगतान नहीं करने का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने गंगासागर में एक कार्यक्रम में कहा, “ केंद्र मनरेगा के तहत राशि जारी नहीं कर रहा है, लेकिन वह पीएमएवाई के कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल भेज रहा है। हमने जांच की है और उन लोगों के 17 लाख आवेदनों को रद्द कर दिया है जिनके पास दो-तीन मंजिला इमारतें हैं।”

बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, “ भाजपा नेताओं ने दो-तीन मंजिला इमारत होने के बावजूद पीएमएवाई के तहत पैसा लिया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें (बंगालको)100 दिनों की कार्य योजना के लिए धन नहीं मिल रहा है। गरीब लोग काम कर रहे हैं लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है और बकाया लंबित है। मैं कितनी बार केंद्र से पैसे के लिए कहूं?”
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तीन जनवरी को राज्य सरकार को दौरे के बारे में सूचित करते हुए एक संदेश भेजा था।

केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव शक्ति कांति सिंह और निदेशक शैलेश कुमार क्रमशः मालदा और पूर्व मिदनापुर में दलों का नेतृत्व कर रहे हैं।
बनर्जी की हां में हां मिलाते हुए, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने “बदले की राजनीति” करने के लिए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, “ केंद्र बदले की राजनीति कर रहा है। वह उत्तर प्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों में दल नहीं भेज रहा है, जहां ऐसी ही शिकायतें हैं।’

राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार ने पीटीआई-से कहा, “ दो केंद्रीय दल मालदा और पूर्व मिदनापुर जिलों का क्षेत्र निरीक्षण के लिए दौरा कर रहे हैं। वे जहां भी चाहें वहां जा सकते हैं।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने बदले की राजनीति के आरोपों का खंडन किया और इसे निराधार करार दिया।
उन्होंने कहा, “आरोप पूरी तरह निराधार हैं क्योंकि पीएमएवाई में घोटाला हुआ है। इसलिए केंद्र ने राज्य में दल भेजे हैं। केंद्रीय धन के लिए जवाबदेही होनी चाहिए क्योंकि यह जनता का पैसा है। टीएमसी इस घोटाले में शामिल है और इसीलिए वह दौरे से इतनी घबराई हुई है।”

इस बीच एक केंद्रीय दल के सदस्य पूर्व मिदनापुर जिले के कांठी उपमंडल के भगवानपुर गांव गए थे जहां उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने उनकी गाड़ियों का रास्ता बाधित कर दिया और आरोप लगाया कि उन्हें मनरेगा के तहत रोज़गार नहीं मिल रहा है।
स्थानीय महिला मालती वैद्या ने कहा, “ हमें 100 दिन के कार्य से वंचित कर दिया गया है। कोई काम नहीं है। हमारी आर्थिक हालत काफी खराब है।”
केंद्रीय दल के साथ मौजूद पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों को वहां से हटाया और वे अपने निर्धारित दौरे के लिए रवाना हुए।
जिला भाजपा ने टीएमसी पर प्रदर्शन कराने का आरोप लगाया लेकिन सत्तारूढ़ दल ने इससे इनकार किया।

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