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TMC नेता अभिषेक ने डीए मामले में Bengal सरकार के कर्मचारियों की आलोचना की

महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों पर तंज कसते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी ने शु्क्रवार को कहा कि वित्तीय रूप से संकटग्रस्त राज्य प्रशासन को जो लोग ‘ब्लैकमेल’ करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए।
कर्मचारियों के कई संगठनों की ओर से एक दिवसीय हड़ताल की अपील के तहत प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार के कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं के द्वार के सामने महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दिया।

अपने निर्वाचन क्षेत्र डायमंड हार्बर में एक पुल के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘आज कुछ सरकारी कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हर व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि पश्चिम बंगाल के लोग हड़ताल की नकारात्मक राजनीति और बंद से बहुत आगे निकल चुके हैं।’’
टीएमसी नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे ने कहा कि हर व्यक्ति को समझना चाहिए कि राज्य के खजाने को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय रूप से संकटपूर्ण हालात में यह अनुचित और अस्वीकार्य है कि कुछ लोग हड़ताल का आह्वान करके राज्य सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह शर्मनाक है।’’

अभिषेक ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को देय धनराशि को निलंबित कर दिया है। विभिन्न परियोजनाओं के लिए पश्चिम बंगाल का बकाया 1.15 लाख करोड़ रुपये है। भाजपा सरकार ने केवल हमारे राज्य के लिए रकम जारी करना बंद कर दिया है, क्योंकि भाजपा वर्ष 2021 का विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रही।’’
बनर्जी के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि डीए हर राज्य कर्मचारी का एक वैध अधिकार है।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों को हम अपना पूरा समर्थन देते हैं। राज्य सरकार क्लबों और उत्सवों पर धन खर्च कर सकती है, लेकिन बकाया भुगतान करने के लिए इसके पास धन नहीं है।

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