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टीएमसी विधायक की पार्टी को धमकी, कहा- करीबियों पर हमले होते रहे तो नहीं दूंगा राज्यसभा चुनाव में वोट

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक विधायक ने रविवार को धमकी दी कि अगर विरोधी गुट का उनके करीबियों पर “अत्याचार” जारी रहा तो वह भविष्य में पश्चिम बंगाल विधानसभा में सरकार के किसी भी विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे और आगामी राज्यसभा चुनाव के दौरान मतदान से दूर रहेंगे।
इस्लामपुर से विधायक अब्दुल करीम चौधरी ने उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर उपमंडल के कई ब्लॉक का दौरा करने के बाद यह टिप्पणी की, जहां उनके कई करीबियों ने हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ा था। 11 जुलाई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रतिद्वंद्वी गुट के समर्थकों ने कथित तौर पर उनके करीबी उम्मीदवारों के साथ मारपीट की थी।

चौधरी ने कहा, अगर मेरी पार्टी का एक गुट आम लोगों पर अत्याचार करता रहा, जिनमें से कई मेरे करीबी हैं; अगर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हस्तक्षेप नहीं किया और मारपीट व आगजनी बेरोकटोक जारी रही, तो मैं राज्यसभा चुनाव में मतदान से अनुपस्थित रहने के लिए मजबूर हो जाऊंगा।
चौधरी ने कहा, मैं भविष्य में राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए किसी भी विधेयक का समर्थन नहीं करूंगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेरी बार-बार अपील के बावजूद इस्लामपुर में बिगड़ती स्थिति पर ध्यान देने में विफल रही हैं। अगर मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया तो मैं इस सरकार का विरोध शुरू कर दूंगा।”
चौधरी के आक्रोश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, टीएमसी के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, उन्हें सार्वजनिक रूप से पार्टी के खिलाफ अपमानजनक तरीके से बात नहीं करनी चाहिए थी। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि नेतृत्व इस मुद्दे पर फैसला करेगा।

टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में छह राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसके लिए 24 जुलाई को मतदान होगा।
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में टीएमसी के 216 विधायक हैं। इसके साथ ही उसे भाजपा के उन पांच विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हो गए लेकिन अभी तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।
विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 70 है।

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