पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मंगलवार को विधानसभा में आरोप लगाया कि राज्य के लोग ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के शिकार हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य को मिलने वाली राशि रोक दी है।
वरिष्ठ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा पीएम केयर्स फंड की जांच को लेकर की गई टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य को देय राशि जारी नहीं कर रही है। वहीं विपक्षी भाजपा ने कहा कि केंद्र ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि नहीं रोकी है बल्कि वह चाहता है कि उक्त धन का इस्तेमाल करने के दौरान ‘बड़े पैमाने पर हो रही चोरी रुके।’’
वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य के लोग राजनीतिक प्रतिशोध से पीड़ित हैं क्योंकि केंद्र ने अक्टूबर 2021 से मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धन जारी करना बंद कर दिया है।
भाजपा द्वारा केंद्रीय धन के दुरुपयोग के आरोपों पर, भट्टाचार्य ने पूछा कि क्या पीएम केयर्स फंड को भी जांच के दायरे में लाना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।
टीएमसी के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता ने अशोभनीय तरीके से काम किया, कुछ इशारे किए, जबकि भाजपा विधायक अशोक डिंडा ने ताली बजाई जो शर्मनाक है।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से ‘सदन की गरिमा’ और सम्मान कम होता है और ऐसे कृत्यों से मुझे दुख होता है। मैं प्रत्येक सदस्य से सदन की मर्यादा बनाए रखने और अशोभनीय तरीके से व्यवहार न करने का आह्वान करता हूं। उन्होंने बहस के दौरान भाजपा विधायक हिरन चटर्जी द्वारा इस्तेमाल किए गए एक वाक्यांश को भी कार्यवाही से हटा दिया।
विपक्ष की अनुपस्थिति में प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।