इसे ईंट का जवाब पत्थर से माना जा सकता है। एक ओर जहां बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल में हिंसा और आतंकवाद की स्थिति की जांच के लिए चार सदस्यीय केंद्रीय टीम भेजने का फैसला किया है। तो वहीं इसके ठीक बाद ममता बनर्जी (टीएमसी) ने घोषणा की कि मणिपुर की स्थिति की जांच के लिए चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया गया है। जिसे एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। तृणमूल ने कहा, (टीएमसी ने घोषणा की) चार के संसदीय समूह में डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन, कल्याण बंद्योपाध्याय और काकोली घोष दस्तीदार शामिल होंगे।
इसे भी पढ़ें: Interview: कीर्ति आजाद ने कहा- भ्रष्टाचार को पनाह देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है भाजपा
तृणमूल ने कहा कि वे 14 जुलाई को मणिपुर जायेंगे। तृणमूल के मुताबिक, उनके सांसद डबल इंजन सरकार के तहत पिछले तीन महीनों से अत्यधिक हिंसा और अशांति में जी रहे मणिपुर के लोगों को मानवीय स्पर्श देने जाएंगे। ममता बनर्जी ने इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर दौरे की इजाजत मांगी थी। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को इसकी इजाजत नहीं दी। सूत्रों के मुताबिक, अगर तृणमूल संसदीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंचता है तो अगर प्रशासन और पुलिस ने उन्हें वहां रोका तो इस राज्य की पुलिस बंगाल में बीजेपी की केंद्रीय टीम के साथ भी ऐसा ही कर सकती है।
इसे भी पढ़ें: राजनीतिक दलों ने बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा की निंदा की, भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को एक चार-सदस्यीय तथ्यान्वेषण समिति गठित की, जो पश्चिम बंगाल के उन क्षेत्रों का दौरा करेगी, जहां पिछले दिनों संपन्न पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा हुई थी। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद को इस समिति का संयोजक बनाया गया है। इसके सदस्यों में सत्यपाल सिंह, सांसद राजदीप रॉय और रेखा वर्मा शामिल हैं। सिंह, रॉय और वर्मा लोकसभा के सदस्य हैं।