केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि विश्व समुदाय को उन जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व स्तर पर समन्वित नीतियों और कार्यों पर अधिक जोर देना चाहिए जो परस्पर गहराई से जुड़े हुए हैं और केवल सीमाओं द्वारा परिभाषित नहीं होते हैं।
तोमर यहां दो दिन के जी20 अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा कार्यसमूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
तोमर ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस के साथ बैठक का उद्घाटन किया।
तोमर ने कहा कि यह देश के नागरिकों के लिए गर्व का क्षण है कि भारत इस साल जी20 बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश इसके साथ आने वाली जिम्मेदारियों से अच्छी तरह वाकिफ है।
तोमर ने कहा, ‘‘दुनिया आज कई जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है, जो परस्पर गहराई से जुड़ी हुई हैं और केवल सीमाओं द्वारा परिभाषित नहीं हैं। जिन चुनौतियों का सामना किया जा रहा है वे अपनी प्रकृति में वैश्विक हैं और उसके लिए वैश्विक समाधान की आवश्यकता है। इसलिए विश्व समुदाय को आज वैश्विक रूप से समन्वित नीतियों और कार्यों पर अधिक जोर देने की जरूरत है।
मंत्री ने आगे जोर देकर कहा कि बहुपक्षवाद में नए सिरे से विश्वास बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हमारा देश न केवल बहुआयामी विकास बल्कि सार्वभौमिक रूप से मान्य अपनी क्षमता दिखाने के लिए भी तैयार है।’’
तोमर ने कहा कि हाल ही में हुई विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भारत को एक नाजुक दौर से गुजर रही दुनिया में ‘एक उज्ज्वल स्थान’ के रूप में वर्णित किया गया था और जलवायु लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और कोविड के बाद के विकास पथ पर लौटने की सभी ने सराहना की थी।
उन्होंने कहा कि भारत को जो जिम्मेदारी दी गई है उसको पूरा करने के लिए हम तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने सफल विकास मॉडल के खाके को साझा करने में खुशी होगी और हम सभी से सीखने के लिए भी तैयार हैं।’’
भारत ने एक दिसंबर, 2022 को एक वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। जी-20 या 20 देशों का समूह, दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है।
सबसे कमजोर और कम आय वाले विकासशील देशों को सहायता प्रदान करने में हाल के वर्षों में जी20 के योगदान के बारे में तोमर ने कहा कि ऋण की बढ़ती असुरक्षा को दूर करने के लिए उठाए गए कदम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
सोमवार को यहां शुरू हुई दो दिन की जी20 अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा कार्यसमूह की बैठक में प्रतिभागी वैश्विक वित्तीय ढांचे की स्थिरता और सामंजस्य बढ़ाने के तरीकों और 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।