कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को फसल उत्पादकता में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि देश को घरेलू आवश्यकता को पूरा करने और वैश्विक बाजारों में निर्यात बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादन बढ़ाने की जरुरत है।
तोमर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) की तरफ से कृषि उपकरण प्रौद्योगिकी पर आयोजित एक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि किसानों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के साथ-साथ सरकार की नीतियों की बदौलत कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि देश की जनसंख्या वर्ष 2050 तक बढ़ जाएगी लिहाजा खाद्यान्न और अन्य कृषि उत्पादों की जरूरत पूरा करने के लिए एक खाका तैयार करने की आवश्यकता है।
तोमर ने कहा कि दुनिया में भारत के बढ़ते महत्व को देखते हुए वैश्विक आवश्यकता के लिए भी योजना बनाने की जरूरत है।
तोमर ने कहा कि फसल की पैदावार में सुधार हो रहा है लेकिन उन्होंने उत्पादकता की तुलना अन्य देशों और वैश्विक औसत से करने पर जोर दिया।
मंत्री ने कहा, ‘‘हमें जमीन कम होने पर भी खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाते रहना होगा।’’ तोमर ने कहा कि इसे हासिल करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और नई तकनीकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन और सूक्ष्म सिंचाई जैसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। तोमर ने देश में करीब 85 प्रतिशत छोटे किसान होने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें तकनीक और मशीनरी का लाभ मिलना चाहिए।
तोमर ने पिछले 9 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अधोसंरचना कोष की शुरुआत भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें से 14,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है।