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असम रेशम उत्पाद सूची तैयार करने के लिए शीर्ष डिजाइनरों से सलाह ली जानी चाहिए: हिमंत

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि वैश्विक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मूगा और एरी जैसे असम रेशम उत्पादों की एक सूची (कैटलॉग) तैयार करने के लिए शीर्ष डिजाइनरों से सलाह ली जानी चाहिए।
उन्होंने, राज्य के लोगों से बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए मध्य अप्रैल में मनाए जाने वाले असमिया नव वर्ष रोंगाली बिहू के दौरान कम से कम एक हथकरघा गमोसा (पारंपरिक दुपट्टा या अगौछा) खरीदने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि असम के मूगा और एरी जैसे रेशम उत्पादों की वैश्विक बाजार में काफी मांग है, लेकिन पूरी क्षमता के साथ इसके विविधीकरण की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जहां इसमें कुछ विविधता आई है, वहीं वैश्विक बाजार पर पकड़ बनाने के लिए इसमें निरंतर सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा, हम पिछले 20 सालों से मूगा नेकटाई का एक ही डिजाइन देख रहे हैं। केवल नए उत्पाद बनाने से मदद नहीं मिलेगी, जब तक हम उनमें लगातार सुधार नहीं करेंगे।

सरमा ने कहा, इसके लिए हथकरघा और कपड़ा विभाग को एक विविध डिजाइन सूची (कैटलॉग) बनाना चाहिए और देश के शीर्ष डिजाइनरों से परामर्श करना चाहिए।
स्थानीय बुनकरों से गमोसा खरीदने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, हमारे राज्य में 60 लाख परिवार हैं। यदि उनमें से सभी हाथ से बुने हुए एक गमोसा भी खरीद ले तो यह बुनकरों और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी मदद होगी। साथ ही, मैं लोगों से कहता हूं कि अगर कोई पावरलूम गामोसा बेचते हुए पाया जाता है तो अधिकारियों को सतर्क करें।
राज्य सरकार ने हथकरघा को प्रोत्साहित करने के लिए पावरलूम गमोसों और मेखेला-साडोर्स (असमिया की पारंपरिक महिलाओं की पोशाक) की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सरमा ने हथकरघा विभाग से उद्योग और बुनकरों के लिए और भी योजनाएं लाने को कहा और इसके लिए सरकार के समर्थन का वादा किया।
उन्होंने कहा कि स्वनिर्भर नारी योजना, जिसके माध्यम से सरकार सीधे बुनकरों से गामोसा खरीद रही है, यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें अन्य लोगों या संगठनों द्वारा सही कीमत का भुगतान किया जाए, जो सीधे उनसे खरीदते हैं।

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